कंपनी ऋण का पुनर्गठन - आरबीआई - Reserve Bank of India
कंपनी ऋण का पुनर्गठन
कंपनी ऋण का पुनर्गठनसंदर्भ : बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 68 /21.04.132 /2002-03 05 फरवरी 2003 सभी वाणिज्य बैंक प्रिय महोदय, कंपनी ऋण का पुनर्गठन कृपया आप उपर्युक्त विषय पर हमारा 23 अगस्त 2001 का परिपत्र बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 15/21.04.114/2000-01 देखें, जिसमें आंतरिक अथवा बाहरी कारणों से प्रभावित परंतु संभाव्य क्षमता वाली कार्पोरेट इकाइयों, जो बी आइ एफ आर, डी आर टी तथा अन्य कानूनी कार्रवाई के अंतर्गत नहीं हैं, के कार्पोरेट ऋणों के पुनर्गठन हेतु समय पर और पारदर्शी व्यवस्था के रूप में सभी संबंधितों के लाभ के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये थे । 2. जैसा कि आप जानते हैं, माननीय वित्त मंत्री ने अपने 2002-2003 के बजट में इस निर्णय की घोषणा की थी कि कार्पोरेट ऋण पुनर्गठन (सी डी आर) की प्रक्रिया के परिचालन को और अधिक कार्यक्षम बनाने के संबंध में सुझाव देने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के एक उप गवर्नर की अध्यक्षता में बैंकरों तथा अन्य संस्थाओं को लेकर एक छोटा दल गठित किया जाये । तदनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक के उप गवर्नर श्री वेपा कामेसम की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय दल का गठन किया गया था । उक्त दल ने अब अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है और सी डी आर प्रक्रिया के परिचालन को और अधिक कार्यक्षम बनाने के लिए उसने कतिपय सिफारिशें की हैं । कार्यदल की सिफारिशों के आधार पर और भारत सरकार से परामर्श करके कार्पोरेट ऋण पुनर्गठन की एक संशोधित योजना को अंतिम रूप दिया गया है, जो बैंकों के द्वारा कार्यान्वयन के लिए अनबंध में संलग्न है । 3. कृपया प्राप्ति-सूचना भिजवायें । भवदीय (सी. आर. मुरलीधरन) |