कोविड-19 - परिचालन और कारोबार निरंतरता उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
कोविड-19 - परिचालन और कारोबार निरंतरता उपाय
भारिबैं./2019-20/172 16 मार्च, 2020 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया / प्रिय महोदय, कोविड-19 - परिचालन और कारोबार निरंतरता उपाय जैसा कि आप जानते हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हाल ही में नॉवल कोरोना वायरस रोग (COVID-19) के प्रकोप की घोषणा की है। यह महामारी विभिन्न देशों में व्यक्तिगत संपर्क के माध्यम से फैल रही है, जिसकी सीमा अनिश्चित है और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव की आशंका है। भारत में कई मामलों की पुष्टि हुई है, जिसको देखते हुए भारतीय वित्तीय व्यवस्था की सुदृढ़ता की रक्षा हेतु उभरती हुई स्थितियों से निपटने के लिए समन्वित रणनीति की आवश्यकता है। 2. जबकि भारत सरकार, राज्य प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर, पहले से ही रोग के स्थानीय प्रसार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही है, बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा अपनी मौजूदा परिचालन और व्यावसायिक निरंतरता योजनाओं के एक भाग के रूप में नीचे दी गई सांकेतिक सूची सहित आगे की कार्रवाई की जानी आवश्यक है: (क) संगठन के भीतर रोग के प्रसार से संबंधित रणनीति और निगरानी तंत्र तैयार करना, यात्रा योजनाओं और विलगीकरण आवश्यकताओं सहित संक्रमित कर्मचारियों का पता लगाने के मामले में और उसे अधिक फैलने से रोकने के लिए समय पर हस्तक्षेप करना और कर्मचारियों और जनता के बीच दहशत फैलाने से बचना; (ख) गंभीर इंटरफेसों में निरंतरता और संक्रमण के व्यक्तिगत कारणों या निवारक उपायों द्वारा संचालित अनुपस्थिति – प्रवृत्ति के कारण सेवाओं को बाधित होने से रोकने के उद्देश्य से उभरती स्थितियों / परिदृश्यों में महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का जायजा लेना और व्यावसायिक निरंतरता योजना (बीसीपी) का पुनरीक्षण करना। (ग) बेहतर प्रतिक्रिया और भागीदारी के लिए स्टाफ सदस्यों के साथ प्रत्येक स्तर पर महत्वपूर्ण अनुदेश / रणनीति साझा करना और स्वास्थ्य प्राधिकारियों से समय-समय पर प्राप्त अनुदेशों के आधार पर संदिग्ध मामलों में उठाए जाने वाले निवारक उपायों / कदमों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाना। (घ) जहाँ तक संभव हो अपने ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना। 3. व्यावसायिक प्रक्रिया सुदृढ़ता सुनिश्चित करने के लिए उपर्युक्त कदम उठाने के अलावा, पर्यवेक्षित संस्थाओं को, संभावित परिदृश्यों जैसे कि भारत में COVID-19 का और आगे प्रसार और अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव, वैश्विक अर्थव्यवस्था और वैश्विक वित्तीय प्रणाली में व्यापक व्यवधान आदि से उत्पन्न संक्रामक प्रभाव के कारण उनकी बैलेंस शीट, परिसंपत्ति गुणवत्ता, तरलता आदि पर प्रभाव का आकलन करना चाहिए। उपर्युक्त अध्ययनों के आधार पर हमें सूचित करते हुए जोखिमों का प्रबंधन करने के लिए उन्हें तत्काल आकस्मिक उपाय करने चाहिए। 4. जैसा कि स्थिति को व्यावसायिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोण से बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है, इस उद्देश्य के लिए एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम का गठन किया जा सकता है, जो महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर शीर्ष प्रबंधन को नियमित अपडेट प्रदान करेगी और नियामकों / बाहरी संस्थानों / एजेंसियों से एकल संपर्क बिंदु के रूप में कार्य करेगी। भवदीय, (अजय कुमार चौधरी) |