RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

121439380

बैंकों का क्रेडिट काड़ कारोबार

12 मई 2001
22 वैशाख 1923 (शक)

बैंकों का क्रेडिट काड़ कारोबार

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

प्रिय महोदय,

बैंकों का क्रेडिट काड़ कारोबार

हमने क्रेडिट काड़ जारी करने तथा उसके अंतर्गत देय राशियों की वसूली करने से संबंधित प्रणालियों तथा नियंत्रणों संबंधी पहलुओं के संदर्भ में कुछ बैंकों के क्रेडिट काड़ कारोबार का विशेष अध्ययन किया है । अध्ययन संबंधी रिपोर्ट टिप्पणियों तथा सुझावों के लिए बैंकों के बीच परिचालित की गयी । बैंकों से प्राप्त प्रतिसाद के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि बैंक निम्नलिखित अतिरिक्त सुरक्षा-उपाय करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्रेडिट काड़ संबंधी उनका कारोबार सुदृढ़, विवेकपूर्ण तथा लाभप्रद आधार पर चल रहा है ।

(i) अतिदेय राशियों की वसूली

  • क्रेडिट काड़ संबंधी ऋण एक गैर जमानती ऋण है । क्रेडिट काड़ संबंधी देय राशियों की चुकौती प्राथमिक तौर पर काड़-धारकों की चुकाने की क्षमता पर निर्भर होती है । क्रेडिट काड़ संबंधी कारोबार में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी वातावरण को देखते हुए ग्राहकों ने बकाया राशियों पर सिर्फ न्यूनतम मासिक अदायगी करने के इरादे से विभिन्न बैंकों से एक से अधिक क्रेडिट काड़ जारी करा लिये । फलस्वरूप, काड़-धारकों की देयताएं प्राय: बहुत बढ़ जाती हैं तथा वे पूरी देय राशियों की चुकौती करने में असमर्थ होते हैं । जैसा कि बैंक जानते हैं, क्रेडिट काड़ संबंधी परिचालनों में उनके समग्र ऋण संविभाग में ऋण जोखिम शामिल होता है । हामीदारी संबंधी शिथिल मानदंड, आक्रामक अभ्यर्थना (solicitation) कार्यक्रम, अपर्याप्त लेखा प्रबंधन से ऋण संबंधी जोखिम बढ़ जाता है जिससे बैंकों के क्रेडिट काड़ संविभागों में अतिदेय राशियां तथा निष्क्रिय आस्तियां पैदा हो जाती हैं । अत: यह आवश्यक है कि बैंक इस कारोबार में होनेवाली चूक की घटना कम करने के लिए तत्काल कदम उठायें तथा क्रेडिट काड़ संबंधी बकाया राशियों की वसूली पर कड़ी निगरानी रखें । बैंक अपने निदेशक मंडल के अनुमोदन से इस आशय की विशिष्ट कार्य-योजनाएं भी बना सकते हैं ।
  • बैंकों से अनुरोध है कि वे क्रेडिट कार्ड़ से संबंधित अतिदेय राशियों की वसूली के लिए वसूली एजेंटों की नियुक्ति करते समय भारतीय बैंक संघ द्वारा तैयार की गयी नीति संहिता का अनुपालन करें ।
  • (ii) क्रेडिट काड़ धारकों के बारे में सूचना का आदान-प्रदान

    ऋण संबंधी निर्णयों की गुणवत्ता बढ़ाकर ऋण जोखिम कम करने की प्रक्रिया तैयार करने के लिए तथा नयी निष्क्रिय आस्तियों की वृद्धि पर नियंत्रण रखने में मदद करने के लिए अब ऋण सूचना ब्यूरो की स्थापना की जा रही है । बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे एक या अधिक ऋण सूचना ब्यूरो के सदस्य बनें ताकि वे क्रेडिट काड़ संबंधी अपने कारोबार में चयनात्मक आधार पर ग्राहक बना सकें । बैंकों को यह भी सूचित किया जाता है कि वे इस कारोबार में चूक से अपनी रक्षा करने के लिए वर्तमान नकारात्मक आंकड़ा प्रायोजनाओं (negative file projects) का लाभ उठायें ।

    (iii) धोखाधड़ी पर नियंत्रण

    क्रेडिट कार्डों के कपटपूर्ण उपयोग की सामान्य पद्धतियों में निम्नलिखित शामिल हैं :

    • आवेदन के स्तर पर धोखाधड़ी
    • खो गये /चोरी हो गये तथा वास्तविक आवेदकों द्वारा प्राप्त न किये गये कार्डों का दुरुपयोग
    • जाली तथा परिवर्तित काड़
    • काड़ धारक के साथ सांठ-गांठ करके काम करनेवाले व्यापारी

    बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उक्त अथवा अन्य पद्धतियों से की गयी धोखाधड़ी का सामना करने के लिए आंतरिक नियंत्रण प्रणालियां बनायें । धोखाधड़ी निवारण समितियां / कार्यदल मौजूद हैं जो धोखाधड़ियों के निवारण के लिए तथा सक्रिय धोखाधड़ी नियंत्रण एवं प्रवर्तन संबंधी उपायों के लिए कानून बनाते हैं । बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे ऐसी धोखाधड़ी निवारण समितियों /कार्यदलों में सक्रिय रूप से भाग लें ।

    (iv) प्रोसेसिंग

    काड़ प्रबंधन प्रक्रिया के लिए तथा प्राप्य लेखों, बिलिंग, निपटान और अन्य संबंधित सेवाओं के क्षेत्रों में प्रभावी बैक ऑफिस समाधान प्रदान करने के लिए यह आवश्यक है कि बैंकों के पास प्रोसेसिंग संबंधी उचित समाधान हो । बेहतर परिचालनात्मक नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इस क्षेत्र में हुई प्रगति का उपयोग करें ।

    (v) क्रेडिट कार्डों पर शुल्क / प्रभार

    क्रेडिट काड़ परिचालनों संबंधी सेवाओं के लिए बैंकों द्वारा शुल्क लगाये जाते हैं । इनमें ये शामिल हैं - सदस्यता /प्रवेश शुल्क, नवीकरण /वार्षिक शुल्क, परिक्रामी ऋण सुविधा पर सेवा प्रभार तथा अतिदेय अदायगियों के लिए दंडस्वरूप प्रभार । दंडस्वरूप प्रभारों के मूल स्तर के संबंध में प्राय: काड़ जारी करनेवाले बैंकों तथा काड़-धारकों के बीच विवाद उत्पन्न होते हैं । बैंकों को सूचित किया जाता है कि क्रेडिट काड़ के लिए आवेदन करते समय वे काड़-धारक को शुल्क /प्रभारों के बारे में स्पष्ट तौर पर बता दें, यदि ऐसा अब तक न किया गया हो । विशेष तौर पर बैंकों को चाहिए कि वे सदस्यता /नवीकरण शुल्कों के अलावा अदायगी में विलंब और चूक संबंधी मामलों में लगायी जानेवाली ब्याज दरों की जानकारी काड़-धारक को दें ।

    2. कृपया प्राप्ति-सूचना दें ।

    भवदीय

    (के. सीतारामू)
    मुख्य महा प्रबंधक

    RbiTtsCommonUtility

    प्ले हो रहा है
    सुनें

    संबंधित एसेट

    आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

    RbiSocialMediaUtility

    आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

    Scan Your QR code to Install our app

    RbiWasItHelpfulUtility

    क्या यह पेज उपयोगी था?