निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों का क्रिस्टलीकरण (Crystallization of Inoperative Foreign Currency Deposits) - आरबीआई - Reserve Bank of India
निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों का क्रिस्टलीकरण (Crystallization of Inoperative Foreign Currency Deposits)
भारिबैंक/2013-14/616 28 मई 2014 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों का क्रिस्टलीकरण भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (1949 का 10) की धारा 26(A) की उप-धाराओं (1) और (5) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक (जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता निधि) योजना, 2014 बनायी है। किसी बैंकिंग कंपनी में भारत स्थित किसी खाते, जो विगत 10 सालों से अपरिचालित रहा हो, में जमाशेष अथवा दस सालों से अधिक अवधि तक अदावाकृत रही जमाराशि अथवा कोई रकम, दस सालों की अवधि की समाप्ति से तीन माह के भीतर इस निधि में जमा (क्रेडिट) कर दी जाएगी। 2. उक्त योजना के साथ विदेशी मुद्रा खातों के संबंध में जारी अनुदेशों के संरेखीकरण (alignment) के उद्देश्य से भारतीय रिज़र्व बैंक ने निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों के संबंध में विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के अंतर्गत 21 मार्च 2014 की अधिसूचना सं.फेमा.10ए/2014-आरबी के जरिए विदेशी मुद्रा प्रबंध (निष्क्रिय विदेशी मुद्रा जमाराशियों का क्रिस्टलीकरण) विनियमावली, 2014 जारी की है। 3. तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी बैंक विदेशी मुद्रा में मूल्यवर्गीकृत किसी खाते में निष्क्रिय जमाराशि को क्रिस्टलीकृत अर्थात जमाशेष को निम्नानुसार भारतीय रुपए में परिवर्तित करेंगे :
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं । 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए हैं। भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |