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आभासी मुद्रा(वी.सी.) में लेन-देन के लिए ग्राहक समुचि‍त सावधानी

आरबीआई/2021-22/45
विवि.एएमएल.आरईसी 18/14.01.001/2021-22

31 मई 2021

सभी वाणिज्यिक और सहकारी बैंक / भुगतान बैंक / लघु वित्त बैंक /
एनबीएफसी / भुगतान प्रणाली प्रदाता

महोदय,

आभासी मुद्रा(वी.सी.) में लेन-देन के लिए ग्राहक समुचि‍त सावधानी

मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ बैंकों/विनियमित संस्थाओं ने 06 अप्रैल 2018 के आरबीआई के परिपत्र बैंविवि.सं.बीपी.बीसी.104/08.13.102/2017-18 का संदर्भ देकर अपने ग्राहकों को आभासी मुद्राओं में लेनदेन के प्रति आगाह किया है। बैंकों/विनियमित संस्थाओं द्वारा उपरोक्त परिपत्र को इस तरह से संदर्भित करना उचित नहीं है क्योंकि इस परिपत्र को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 04 मार्च 2020 को 2018 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 528 (भारतीय इंटरनेट और मोबाइल संघ बनाम भारतीय रिजर्व बैंक) के मामले में रद्द कर दिया गया था। अतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को ध्यान में रखते हुए, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की तारीख से यह परिपत्र अब मान्य नहीं है, और इसलिए इसका हवाला या उद्धरण नहीं दिया जा सकता है।

2. बैंक, साथ ही ऊपर उल्लिखित अन्य संस्थाएं, तथापि, विदेशी विप्रेषण के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ, अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), धन शोधन निवारण (एएमएल), आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) और धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 के अंतर्गत विनियमित संस्थाओं के दायित्वों के लिए मानकों को अभिशासित करने वाले विनियमों के अनुरूप ग्राहक समुचित सावधानी प्रक्रियाओं को जारी रख सकते हैं।

भवदीय,

(श्रीमोहन यादव)
मुख्य महाप्रबंधक

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