निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं - आरबीआई - Reserve Bank of India
निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं
आरबीआइ/2007-08/167
बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 39/13.03.00/2007-08
25 अक्तूबर 2007
3 कार्तिक 1929 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय
निश्चित अवरुद्धता अवधि वाली जमा योजनाएं
हमारे ध्यान में यह लाया गया है कि कुछ बैंक नियमित मीयादी जमाराशियों के अतिरिक्त अपने ग्राहकों को 300 दिन से पांच वर्ष तक की विस्तारित सीमा वाले विशेष मीयादी जमाराशि उत्पाद प्रस्तावित कर रहे हैं जिनकी निम्नलिखित विशेषताएं हैं :
i. 6 से 12 महीने तक की विस्तारित सीमा वाली निश्चित अवरुद्धता अवधि;
ii. निश्चित अवरुद्धता अवधि के दौरान समयपूर्व आहरण करने की अनुमति नहीं होती है। अवरुद्धता अवधि के दौरान समयपूर्व आहरण करने की स्थिति में ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है;
iii. इन जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज की दरें, सामान्य जमाराशियों पर दी जाने वाली ब्याज की दरों के अनुरूप नहीं हैं;
iv.कुछ बैंक विशिष्ट शर्तों के अधीन आंशिक रूप से समयपूर्व भुगतान की अनुमति देते हैं।
2. इस संदर्भ में "देशी जमाओं, आदि में धारित रुपया जमाराशियों पर ब्याज की दरें" विषय पर 2 जुलाई 2007 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 7/13.03.00/2007-08 का पैरा 2.23 देखें जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया है कि वे अपने संबंधित बोर्डों के अनुमोदन से नयी देशी जमा संग्रहण योजनाएं प्रारंभ करने से पूर्व जमाराशियों पर ब्याज की दरों,
मीयादी जमाराशियों के समय पूर्व आहरण, मीयादी जमाराशियों की जमानत पर ऋण /अग्रिमों की स्वीकृति आदि के संबंध में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निदेशों का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करें। इससे संबंधित किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 के अंतर्गत दंड भी लगाया जा सकता है ।इसके अलावा, उपर्युक्त परिपत्र के पैरा 2.27 (ग) के अनुसार एक ही तारीख को मंजूर तथा एक ही परिपक्वता अवधि वाली जमाराशियों पर अदा किए जानेवाले ब्याज के मामले में किसी भी बैंक को कोई विभेद नहीं करना चाहिए, चाहे ऐसी जमाराशियां बैंक के एक ही कार्यालय में स्वीकार की जाएं या बैंक के अलग-अलग कार्यालयों में स्वीकार की जाएं ।ऐसा विभेद केवल किसी भी आकार की सामान्य जमाराशियों की तुलना में उच्चतर तथा ब्याज की निश्चित दरें प्रस्तावित करनेवाली निवासी भारतीय वरिष्ठ नागरिकों के लिए विश्टाष मीयादी जमा योजनाओं तथा 15 लाख रुपये और उससे अधिक राशि की एकल मीयादी जमाराशियों के संबंध में किया जा सकता है, जिनपर जमाराशियों के आकार के आधार पर ब्याज की विभिन्न दरों के लिए अनुमति दी जा सकती है ।
3. यह स्पष्ट किया जाता है कि कुछ बैंकों द्वारा प्रवर्तित निश्चित अवरुद्धता अवधि तथा उपर्युक्त पैराग्राफ 1 में संदर्भित विशेषताओं वाली विशेष योजनाएं हमारे अनुदेशों के अनुरूप नहीं हैं। अत: जिन बैंकों ने ऐसी जमा योजनाएं प्रवर्तित की हैं उन्हें सूचित किया जाता है कि वे उन योजनाओं को तत्काल प्रभाव से बंद करें और उसकी अनुपालन रिपोर्ट हमें भेजें।
भवदीय
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक