प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना
आरबीआई/2013-14/129 9 जुलाई 2013 सभी एसएलबीसी संयोजक बैंकों और अग्रणी बैंकों के महोदय, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना हाल ही में डीबीटी पर मैसूर में एक कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें अन्यों के साथ-साथ अध्यक्ष भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ), चुनिंदा राज्यों के वित्त सचिव, भारतीय रिज़र्व बैंक का उच्च प्रबंध तंत्र और कर्नाटक राज्य के बैंकरों ने भाग लिया। बैंक खातों में आधार संख्या जोड़ने में हुई प्रगति की समीक्षा करते समय इस बात पर बल दिया गया कि बैंकों को बड़ी संख्या में खाते खोलने के लिए कदम उठाने चाहिए, इन खातों में आधार संख्याएं जोड़ लेनी चाहिए तथा इसे एक निरंतर चलनेवाले एवं बढ़ते कारोबारी अवसर के रूप में देखना चाहिए। उदाहरण के रूप में बैंक खाते खोलने एवं बैंक खातों में आधार संख्या जोड़ने में एलपीजी वितरकों की सेवाएं उपयोग में लाने की संभावना को भी संदर्भित किया गया था। 2. इस संबंध में, डीबीटी योजना के कार्यान्वयन पर 10 मई 2013 के हमारे परिपत्र ग्राआऋवि. केका.एलबीएस.बीसी.सं. 75/02.01.001/2012-13 की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए तथा एलपीजी सब्सिडी सहित सरकारी प्रतिलाभों के आधार आधारित प्रत्यक्ष लाभ अंतरण को सुचारू रूप से लागू करने में सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से बैंकों को आगे सूचित किया जाता है कि :
भवदीय (ए. उदगाता) |