शहरी सहकारी बैकों द्वारा बिलों की भुनाई –प्रतिबंधित साखपत्र (एलसी) - आरबीआई - Reserve Bank of India
शहरी सहकारी बैकों द्वारा बिलों की भुनाई –प्रतिबंधित साखपत्र (एलसी)
आरबीआई/2011-12/ 476 30 मार्च 2012 मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय, शहरी सहकारी बैकों द्वारा बिलों की भुनाई –प्रतिबंधित साखपत्र (एलसी) कृपया 16 मार्च 2004 का हमारा परिपत्र शबैंवि.सं.बीपीडी.पीसीबी.परि.37/13.05.00/2003-2004 देखें जिसमें शहरी सहकारी बैंकों को अन्य बातों के साथ-साथ यह सूचित किया गया था कि उन्हें केवल अपने ऐसे उधारकर्ता ग्राहको के लिए साखपत्र (एलसी) के अंतर्गत बिलों की खरीद / भुनाई/बेचान करना चाहिए जिन्हें नियमित ऋण सुविधाए मंजूर की गई हैं। 2. उपर्युक्त अनुदेशों की समीक्षा की गई है तथा यह निर्णय लिया गया है कि साखपत्र के अंतर्गत आहरित बिल किसी खास शहरी सहकारी बैंक तक प्रतिबंधित होने तथा साखपत्र का हिताधिकारी नियमित ऋण सुविधा प्राप्त उधारकर्ता न होने की स्थिति में संबंधित शहरी सहकारी बैंक अपने विवेकानुसार तथा साखपत्र जारी करनेवाले बैंक के साख के संबंध में अपनी धारणा के आधार पर, इस प्रकार के साखपत्रों का बेचान कर सकता है; बशर्ते साखपत्र से प्राप्त होनेवाली राशि हिताधिकारी के नियमित बैंकर को प्रेषित की जाएगी । तथापि, जिन उधारकर्ताओं को नियमित ऋण सुविधा मंजूर नहीं की गई है, उनके अप्रतिबंधित साखपत्रों के बेचान पर लागू प्रतिबंध जारी रहेगा । 3. ऊपर दिए गए अनुसार प्रतिबंधित साखपत्र के अंतर्गत बिल बेचान करनेवाले शहरी सहकारी बैंकों को उधार के साथ शेअर लिकिंग तथा सदस्यता संबंधी सहकारी समितियां अधिनियम के प्रावधानों के संबंध में आरबीआई / आरसीएस या सीआरसीएस के अनुदेशों का पालन करना होगा । 5. कृपया संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को परिपत्र की प्राप्ति सूचना दें । भवदीय (ए. उदगाता) |