संपर्ककर्ता (कॉरेस्पॉन्डेन्ट) बैंकिंग संबंधों में समुचित सावधानी - आरबीआई - Reserve Bank of India
संपर्ककर्ता (कॉरेस्पॉन्डेन्ट) बैंकिंग संबंधों में समुचित सावधानी
आरबीआई/2013-14/342 29 अक्तूबर 2013 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय, संपर्ककर्ता (कॉरेस्पॉन्डेन्ट) बैंकिंग संबंधों में समुचित सावधानी कृपया 'अपने ग्राहक को जानिए’ मानदंड/धनशोधन निवारण मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध / धनशोधन निवारण अधिनियम ( पी एल एम ए), 2002' पर 1 जुलाई 2013 के हमारे मास्टर परिपत्र सं. बैंपविवि.एएमएल .बीसी.सं.24/14.01.001/ 2013-14 का पैरा 2.16 देखें, जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे संपर्ककर्ता बैंकिंग व्यवस्था में प्रवेश करते समय समुचित सावधानी का विस्तार से पालन करें, जिसमें दूसरे बैंक के प्रबंधन पर सूचना, प्रमुख कारोबारी गतिविधियाँ, एएमएल /सीएफटी अनुपालन का स्तर, खाता खोलने का उद्देश्य, किसी तीसरे व्यक्ति की पहचान जो संपर्ककर्ता बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करेगा आदि शामिल होंगे। इसके अलावा, बैंक "बैंकों में धोखाधड़ी/लाभांश/ब्याज वारंट और धन वापसी आदेशों के लिए सममूल्य पर सुविधा" पर 30 मार्च 1998 का हमारा परिपत्र बैंपविवि.बीपी.बीसी.24/14.01.001/98 देखें, जिसके अनुसार बैंकों को सूचित किया गया था कि वे अपने संबंधित बोर्ड के अनुमोदन से सममूल्य पर सुविधा के संबंध में नीति तैयार करते समय अपने हितों की रक्षा करने हेतु पर्याप्त आंतरिक नियंत्रण प्रणाली शुरू करें। 2. यह पाया गया है कि कुछ वाणिज्यिक बैंकों ने सहकारी बैंकों के साथ यह व्यवस्था की है, जिसमें सहकारी बैंक वाणिज्यिक बैंकों में चालू खाता खोलते हैं और अपने घटकों और तात्कालिक (वॉक-इन) ग्राहकों के विप्रेषण और भुगतानों की सुविधा हेतु सममूल्य पर चेक जारी करने के लिए चेक बुक सुविधा का इस्तेमाल करते हैं। चूंकि वाणिज्यिक बैंकों द्वारा सहकारी बैंकों को प्रस्तावित सममूल्य पर सुविधा संपर्ककर्ता बैंकिंग व्यवस्था के प्रकार की है, इसलिए बैंकों को ऋण जोखिम और प्रतिष्ठा जोखिम सहित इससे उत्पन्न होने वाले जोखिम का मूल्यांकन करने के लिए ऐसी व्यवस्था की निगरानी और समीक्षा करनी चाहिए। इस प्रयोजन से केवायसी और एएमएल संबंधी विद्यमान अनुदेशों का अनुपालन करने हेतु बैंकों को ऐसी व्यवस्थाओं के अंतर्गत अपने ग्राहक सहकारी बैंकों/ समितियों द्वारा रखे गए अभिलेखों का सत्यापन करने का अधिकार अपने पास रखना चाहिए। भवदीय, (प्रकाश चंद्र साहू) |