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भारत-नेपाल विप्रेषण सुविधा योजना में वृद्धि

आरबीआई/2021-22/94
सीओ.डीपीएसएस.आरपीपीडी.सं.एस475/04.09.003/2021-22

27 अगस्त 2021

अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यकारी अधिकारी
एनईएफटी में सहभागिता करने वाले सभी बैंक

महोदया / महोदय,

भारत-नेपाल विप्रेषण सुविधा योजना में वृद्धि

भारत में काम कर रहे नेपाली मूल के प्रवासी कामगारों की आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान देने के साथ, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मई 2008 में भारत से नेपाल के लिए सीमा-पार विप्रेषण के विकल्प के रूप में भारत-नेपाल विप्रेषण सुविधा योजना (योजना) शुरू की गई थी। इस तरह के विप्रेषणों की उत्पत्ति के लिए यह योजना देश में उपलब्ध राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) पारितंत्र का लाभ उठाती है और एक वर्ष में अधिकतम 12 विप्रेषणों के साथ प्रति विप्रेषण 50,000 की उच्चतम सीमा निर्धारित करती है। लाभार्थी को नेपाल में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की सहायक कंपनी, अर्थात नेपाल एसबीआई बैंक लिमिटेड (एनएसबीएल) अथवा एजेंसी व्यवस्था के माध्यम से धारित अपने बैंक खाते में क्रेडिट के माध्यम से नेपाली रुपये में धन प्राप्त होता है।

2. योजना की समीक्षा की गई है और दोनों देशों के बीच व्यापार भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, साथ ही नेपाल को इलेक्ट्रॉनिक रूप से व्यक्ति-से-व्यक्ति विप्रेषण की सुविधा प्रदान करने के लिए, निम्नलिखित वृद्धि की घोषणा की गई है -

  1. प्रति लेनदेन की सीमा को 50,000 से बढ़ाकर 2 लाख किया जाना।

  2. प्रति विप्रेषक एक वर्ष में 12 विप्रेषण की सीमा को हटाना।

  3. अब तक की तरह, बैंक वॉक-इन ग्राहकों अथवा गैर-ग्राहकों से नकद के रूप में विप्रेषण स्वीकार करेंगे। तथापि, ऐसे विप्रेषणों के लिए एक वर्ष में अधिकतम 12 विप्रेषण के साथ प्रति विप्रेषण 50,000 की उच्चतम सीमा लागू रहेगी।

  4. दिनांक 09 फरवरी 2009 के परिपत्र डीपीएसएस (सीओ) सं. 1381/04.09.003/2008-09 में की गई व्यवस्था के अनुसार 50,000 तक के लेनदेनों के लिए प्रभार जारी रहेगा। 50,000 से अधिक के लेनदेनों के लिए एसबीआई द्वारा निर्धारित प्रभार लागू होंगे।

  5. बैंक उपयुक्त वेग जांच और अन्य जोखिम न्यूनीकरण प्रक्रियाएं स्थापित करेंगे।

3. इन वृद्धियों से नेपाल में बस गए/स्थानांतरित हो गए हमारे पूर्व सैनिकों को सेवानिवृत्ति, पेंशन आदि से संबंधित भुगतान की सुविधा मिलने की भी उम्मीद है।

4. ये निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के तहत जारी किए गए हैं और 01 अक्टूबर 2021 से प्रभावी होंगे।

भवदीय,

(पी वासुदेवन)
मुख्य महाप्रबंधक

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