विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - स्पष्टीकरण
आरबीआइ/2009-10/275 29 दिसंबर 2009 सेवा में महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता - स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति का विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार भारत में निवासी किसी व्यक्ति को, भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास विदेशी मुद्रा खाता, जिसे विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता नाम से जाना जाता है, ऊपर उल्लिखित अधिसूचना की अनुसूची में विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाता योजना के लिए निर्धारित शर्तों के अधीन खोलने और रखने की अनुमति है। साथ ही, 30 नवंबर 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं. 15 के अनुसार, विदेशी मुद्रा अर्जन करनेवाले सभी श्रेणियों को अनुसूची के पैराग्राफ 1 (क) में यथा विनिर्दिष्ट उनके विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (ईईएफसी)में विदेशी मुद्रा अर्जन का 100 प्रतिशत तक क्रेडिट करने की अनुमति दी गयी है। 2. हमें विभिन्न प्रकार के विदेशी मुद्रा अर्जकों, विशेषत: विशेष आर्थिक अंचल विकासकों से विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (ईईएफसी) खोलने और रखने की अपनी पात्रता के संबंध में पूछा जा रहा है। अत: यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेशी मुद्रा अर्जन करनेवाले सभी श्रेणियों को अनुसूची के पैराग्राफ 1 (क) में यथा विनिर्दिष्ट उनके विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (ईईएफसी)में विदेशी मुद्रा अर्जन के 100 प्रतिशत तक क्रेडिट करने की अनुमति दी गयी है। अत: प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह यह नियम संगत होगा कि वे विशेष आर्थिक अंचल -विकासकों को अनुसूची के पैराग्राफ 1 (क) में यथा विनिर्दिष्ट,विदेशी मुद्रा अर्जन के 100 प्रतिशत तक क्रेडिट करने की अनुमति दें। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करा दें। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय (सलीम गंगाधरन) |