विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.78 फरवरी 14, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता योजना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी की अनुसूची के पैरा 3 (iv) की ओर आकृष्ट किया जाता है। निर्यातकों को वर्तमान में अपने ईईएफसी खाते से समुद्रपारीय आयातक ग्राहकों को 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2000-आरबी अर्थात् विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना या देना) विनियमावली 2000 की शर्तों के अनुपालन के अधीन 3 मिलियन अमरीकी डॉलर तक व्यापर संबंधी ऋण/अग्रिम देने की अनुमति है। 2. ईईएफसी खाता योजना में ढील देने की उपाय स्वरूप 3 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा हटाने का निर्णय किया गया है। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी अपने निर्यातक ग्राहकों को, अपने समुद्रपारीय आयातकों को, ईईएफसी जमा राशि में से बिना किसी सीमा के, व्यापार संबंधी ऋण/अग्रिम देने की अनुमति दे सकते हैं। यह ढील, समीक्षा के अधीन 30 जून 2003 तक प्रभारी रहेगी। 3. प्राधिकृत व्यापारी द्वारा ईईएफसी खाते से ऋण/अग्रिम देने की सूचना को तिमाही आधार पर, मार्च 31, 2003 को समाप्त होने वाली तिमाही से प्रारंभ करके, संलग्न प्रोफार्मे में तिमाही आधार पर रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दी जाए। 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावलीए 2000 मे यथावश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दे दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) परिशिष्ट [ए.पी (डीआईआर.सिरीज़) परिपत्र निर्यातकों द्वारा समुद्रपारीय आयातकों को ईईएफसी खाते (------------------------को समाप्त होने वाली तिमाही) बैंक, शाखा का नाम ए.डी.कूट सं.
प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर मुहर तारीख |