एक्सचेंज ट्रेडेड ब्याज दर फ्यूचर्स - आरबीआई - Reserve Bank of India
एक्सचेंज ट्रेडेड ब्याज दर फ्यूचर्स
भारिबैं/2009-10/134 28 अगस्त 2009 सेवा में सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक, प्राथमिक व्यापारी, शहरी सहकारी बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां तथा विनिर्दिष्ट अखिल भारतीय वित्तीय संस्थाएं महोदय एक्सचेंज ट्रेडेड ब्याज दर फ्यूचर्स यह निर्णय लिया गया है कि आनुमानिक कूपन युक्त 10-वर्षीय भारत सरकार प्रतिभूति पर ब्याज दर फ्यूचर्स की शुरूआत की जाए । इस संबंध में रिज़र्व बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू के अंर्तगत एक निदेश एफएमडी. एमएसआरजी. 1/02.04.003/2009-10 दिनांक 28 अगस्त 2009 जारी किया है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक की वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध कराया गया है । निदेश की एक प्रति संलग्न है । भवदीय
(पी. कृष्णमूर्ति) ब्याज दर फ्यूचर्स (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2009 भारतीय रिज़र्व बैंक जनहित में यह आवश्यक समझते हुए और देश की वित्तीय प्रणाली को उसके लाभार्थ विनियमित करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45 डब्ल्यू द्वारा प्रदत्त शक्तियों तथा इसके निमित्त सक्षम बनाने हेतु प्राप्त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए एतद्वारा ब्याज दर फ्यूचर्स में व्यापार करने वाले सभी व्यक्तियों को निम्नलिखित निदेश जारी करता है । 1. लघु शीर्षक और निदेशों का प्रारंभ 2. परिभाषाएं (ii) ब्याज दर फ्यूचर्स बाजार से अभिप्रेत है वह बाजार जहां ब्याज दर फ्यूचर्स का व्यापर किया जाता है । (iii) इन निदेशों में प्रयुक्त लेकिन अपरिभाषित शब्दों और अभिव्यक्तियों का अर्थ वही होगा जो भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में दिया गया है । 3. अनुमत लिखत (i) ब्याज दर फ्यूचर्स की अनुमति 10 वर्षीय भारत सरकार प्रतिभूति अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथा अनुमोदित किसी अन्य उत्पाद पर दी जाती है । (ii) भारत में निवास करने वाले व्यक्ति ब्याज दर जोखिम अथवा अन्यथा में किये गये निवेश के बचाव के लिए उपर्युक्त उप-परिच्छेद (i) में उल्लिखित ब्याज दर फ्यूचर्स को खरीद या बेच सकते हैं । भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक इस शर्त के अधीन उप-परिच्छेद (i) में उल्लिखित ब्याज दर फ्यूचर्स खरीद या बेच सकते हैं कि नकदी और ब्याज दर फ्यूचर्स बाजारों को मिलाकर कुल सकल अधिक्रय सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश के लिए उनकी पृथक अनुमत सीमा से अधिक न हो तथा केवल बचाव के प्रयोजन के लिए कुल सकल अधि बिक्री किसी भी समय सरकारी प्रतिभूतियों एवं ब्याज दर फ्यूचर्स में उनके अधिक्रय से अधिक न हो । (iii) उप-परिच्छेद (i) में शामिल किसी बात के बावजूद, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 अथवा किसी अन्य वैधानिक अधिनियम अथवा लिखत के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक की विनियामक परिवीक्षा में आने वाला कोई भी अनुसूचित बैंक अथवा अन्य ऐसी एजेंसी रिज़र्व बैंक के संबंधित विनियामक विभाग से अनुमति प्राप्त किये बगैर ब्याज दर फ्यूचर्स बाजार में भाग नहीं लेगी । व्याख्या: अभिव्यक्ति ‘भारत में निवास करने वाला व्यक्ति’ का अर्थ वही होगा जो विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 की धारा 2 की उप-धारा (v) में दिया गया है । विधि द्वारा स्थापित किसी अन्य विनियामक की विनियामक परिवीक्षाधीन आने वाली एजेंसियां उनके संबंधित विनियामकों की अनुमति के बिना ब्याज दर फ्यूचर्स बाजार में भाग नहीं लेंगी और सदस्यों अथवा ग्राहकों के रूप में ऐसी एजेंसियों की सहभागिता संबंधित विनियामक द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार होगी । 4. ब्याज दर फ्यूचर्स की मुख्य-मुख्य बातें मानकीकृत ब्याज दर फ्यूचर्स संविदा की निम्नलिखित विशेषतांए होंगी : क. संविदा 10-वर्षीय आनुमानिक कूपर धारक भारत सरकार प्रतिभूति पर होगी । ख. आनुमानिक कूपन अर्धवार्षिक चक्रवृद्धि सहित प्रतिवर्ष 7 प्रतिशतहोगा । ग. संविदा का निपटान मौजूदा निक्षेपागारों अर्थात् नैशनल सिक्युरिटीज डेपासिटरी लिमिटेड, सेंट्रल डेपासिटरी सर्वीसेस (इंडिया) लिमिटेड और रिज़र्व बैंक के लोक ऋण कार्यालय की इलैक्ट्रानिक बही प्रविष्टि प्रणाली का प्रयोग करते हुए सुपुर्दगी योग्य ग्रेड वाली प्रतिभूतियों की भौतिक सुपुर्दगी द्वारा किया जाएगा। घ. सुपुर्दगी योग्य ग्रेड वाली प्रतिभूतियों में सुपुर्दगी के महीने के पहले दिन से कम से कम 7.5 वर्षों में लेकिन 15 से अनधिक वर्षों में परिपक्व होने वाली तथा 10,000 करोड़ रुपये के न्यूनतम कुल बकाया स्टॉक वाली भारत सरकार प्रतिभूतियां शामिल होंगी। 5. सदस्यता परिच्छेद 3 के उप-परिच्छेद (i) में उल्लिखित लिखतों पर ब्याज दर फ्यूचर्स संविदाओं का लेनदेन मान्यता प्राप्त शेयर बाजार के मुद्रा व्युत्पन्नी प्रखंड में किया जाएगा । मुद्रा/ईक्विटी व्युत्पन्नी प्रखंड में लेनदेन हेतु भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास पंजीकृत सदस्य भी परिच्छेद 3 के उप-परिच्छेद (i) में उल्लिखित ब्याज दर फ्यूचर्स में लेन देन करने के लिए पात्र हैं। ब्याज दर फ्यूचर्स प्रखंड में लेनदेन और समाशोधन की सदस्यता भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देर्शों के अध्यधीन होगी । 6. क्रय-विक्रय सीमाएं i.ब्याज दर फ्यूचर्स बाजार में भागीदारों की विभिन्न श्रेणियों के लिए क्रय-विक्रय सीमाएं भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अध्यधीन होंगी। ii. सभी विनियमित संस्थाएं संबंधित विनियामक द्वारा निर्धारित विवेकशील सीमाओं के भीतर कार्य करेंगी । 7. जोखिम प्रबंधन के उपाय परिच्छेद 3 के उप-परिच्छेद (i) में उल्लिखित ब्याज दर फ्यूचर्स संविदाओं का लेनदेन प्रारंभिक, अत्यधिक हानि संबंधी तथा कैलेंडर स्प्रेड मार्जिन रखने के अध्यधीन होगा और समाशोधन निगमों/शेयर बाजारों के समाशोधन गृहों को चाहिए कि वे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा समय-समय पर जारी दिशानिर्देशों के आधार पर सहभागियों द्वारा ऐसे मार्जिनों का रखा जाना सुनिश्चित करें । 8. निगरानी और प्रकटीकरण ब्याज दर फ्यूचर्स बाजार में लेनदेनों की निगरानी और प्रकटीकरण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार किया जाएगा । 9. रिज़र्व बैंक शक्तियां रिज़र्व बैंक भारत में वित्तीय स्थिरता तथा ब्याज दर बाजार के सम्यक विकास एवं रखरखाव के हित में, जनहित में समय-समय पर भागीदारों के योग्यता मानदंड का आशोधन, सहभागीवार क्रय-विक्रय सीमाओं का आशोधन, पहचाने गये सहभागियों के लिए मार्जिनों का निर्धारण और/अथवा निर्दिष्ट मार्जिन लागू करने का कार्य, अन्य विवेकशील सीमाएं निर्धारित करने अथवा आशोधित करने का कार्य अथवा यथा आवश्यक अन्य कार्रवाई कर सकता है । (वी.के. शर्मा) |