ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक युगांडा को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता - आरबीआई - Reserve Bank of India
ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक युगांडा को एक्ज़िम बैंक की 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 31 20 अप्रैल 2001 सेवा में प्रिय महोदय, ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक युगांडा को एक्ज़िम बैंक की भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने 22 अगस्त 2000 को ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक (ईएडीबी) के साथ 5 मिलियन अमरीकी डॉलर की समग्र राशि तक ऋण सहायता परवर्ति हेतु उपलब्ध कराने के लिए एक करार किया था । ऋण 4 अक्तूबर 2000 से लागू होगा और ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक (ईएडीबी), युगांडा के सदस्य देश्ं अर्थात केनिया, टांझानिया और युगांडा को प्राप्त मालों और संबंधित सेवाओं के निर्यात को वित्तपोषण करने के लिए उपलब्ध है । पात्र मालों में प्रारंभिक कलपुर्जे आरेखण और डिजाइनों के साथ उससे संबंधित सेवाएं शामिल होंगे । भारत से मालों का निर्यात और उनका इएडीबी के सदस्य देशों में आयात संबंधित देशों में प्रचलित विधि और विनियमों के अधीन होंगे । 2. ऋण की मुख्य मुख्य नियम और शर्ते इस प्रकार हैं i) क्रेता को संविदा मूल्य का जहाजपर्यंत न:शुल्क/लागत और भाडा/लागत बीमा और भाडा का 10 प्रतिशत का अग्रिम भुगतान बिक्रेता को एक्ज़िम बैंक द्वारा संविदा के अनुमोदन की तिथि के बाद 10 कारोबार दिनों के भीतर किया जाना चाहिए । ii) क्रेता को लदानों पर यथानुपात बिक्रेता के पक्ष में अविकल्पी साख पत्र के अधीन रक्षा करनेवाले जहाजपर्यंत न:शुल्क/लागत और भाडा/लागत बीमा और भाडा की संविदा मूल्य का शेष 90 प्रतिशत बिक्रेता को भुगतान किया जाना होगा । iii) पात्र मालों का निरीक्षण क्रेता की ओर से लदान के पहले किया जाना होगा और बिक्रेता द्वारा साख पत्र के अंतर्गत परक्रामण बैंक को प्रस्तुत किये जानेवाले दस्तावेजों में संबंधित निरीक्षण प्रमाणपत्रों को शामिल किया पात्र चाहिए 3. साख पत्र भारत में परक्रामण बैंक के ऐसे कार्यालयों द्वारा सूचित किया जाना चाहिए जो एक्ज़िम बैंक द्वारा समय समय यपर ईएडीबी के परामर्श के साथ यथा नामोद्दिष्ट किया गया हो । साख पत्र अंतर्राष्ट्रीय चेंबर ऑफ कॉमर्स (प्रकाशन सं. 500) द्वारा प्रकाशित प्रलेखीं् ऋणों के लिए समान रुढी और प्रथा के अधीन होने चाहिए और वह अविकल्पी होना चाहिए और यदि बिक्रेता चाहता है तो वह अविभाज्य और हस्तांतरणीय भी होंगे । 4. परक्रमाण बैंक को हिताधिकारी ने दस्तावेजों को प्रस्तुत करने पर परक्रामण बैंक हिताधिकारी को वह राशि अदा करें जो जहाजतक न:शुल्क/लागत और भाडा/लागत बीमा और भाडा संविदा मूल्य का 90 प्रतिशत से अधिक नहीं, संबंधित लदान के लिए प्रभाजन योग्य परक्रमाण बैंक के विनियम की हाजिर दर पर समकक्ष भारतीय रुपयों में और इसके अतिरिक्त भारतीय रुपयों में यथा प्रयोज्य बीमा की राशि के रुप में हो बशर्ते प्रस्तुत दस्तावेज संबंधित साख पत्र के अनुरुप सही है । 5. जहाँ बिना आरक्षण परक्रमाण हुआ है वहाँ एक्ज़िम बैंक परक्रामण बैंक की सूचना की प्राप्ति पर परक्रमाण बैंक को अमेरिकी डालर में परक्रमाण बैंक द्वारा हिताधिकारी को अदा की गई पात्र मूल्य की राशि भारतीय रुपयों में प्रतिपूर्ति, संबंधित लदान के लिए प्रभाजनयोग्य सीमा तक एक्ज़िम बैंक को परक्रमाण बैंक की सूचना में उल्लिखित किये गये अनुसार प्ररक्रमाण बैंक के न्यूयार्क, युएसए में ऐसे बैंक के साथ ऐसे खाते में अंतरण द्वारा जमा कर दी जायेगी । यदि परक्रामण आरक्षण के अधीन किया गया है तो एक्जिम बैंक परक्रामण बैंक को भुगतान मात्र परक्रामण बैंक से इस आशय की सूचना एक्ज़िम बैंक ने प्राप्त करने के पश्चात ही करेगा कि जारी कर्ता बैंक जिसने साख पत्र खोला/ जारी किया है, आरक्षण को हटा दिया है और उसके लिए उधारकर्ता अथवा परक्रामण बैंक के जरिए जारीकर्ता बैंक से दस्तावेजों अथवा किसी सूचना को स्वीकृत किया है । 6. एक्ज़िम बैंक किसी भी प्रकार से परक्रामण बैंक साख पत्र कार्रवाई करने अथवा उसके अंतर्गत दस्तावेजों के परक्रामण अथवा हिताधिकारी के भुगतान के लिए अथवा परक्रामण बैंक प्रतिपूर्ति की जानेवाली राशि पर किसी भी ब्याज के लिए हुई भूलचुक के लिए जिम्मेदार अथवा उत्तरदायी नहीं होगा । 7. भारत में देय बैंक प्रभार, व्यय, कमीशन अथवा स्टॅम्प ड्युटी बिक्रेता/हिताधिकारी के खाते और ईएडीबी के सदस्य देशों में देय यह खरीददार के खाते में जायेगा । 8. साख पत्र खोलने की और ऋण का उपयोग करने की अंतिम तिथियाँ क्रमश: 3 अक्तूबर 2001 और 3 अप्रैल 2002 होगी । 9. ऋण के अंतर्गत लदान को सामान्यत: जीआर/एसडीएफ फार्मों में घोषित किया जाना चाहिए । सभी जाआर/एसडीएफ फार्मों की प्रतियों पर निम्नानुसार सुस्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए " ईस्ट आफ्रिकन डेवलपमेंट बैंक (ईएडीबी) को प्रदान की गई । 22 अगस्त 2000 को एक्ज़िम बैंक की ऋण सहायता के अधीन निर्यात" । इस परिपत्र की संख्या और तिथि उसके लिए उपलब्ध स्थानपर रिकार्ड की जाये । दर्शाये गये तरीके से बिलों के पूर्ण भुगतान की प्राप्तिपर प्राधिकृत व्यापारी संबंधित जीआर/एसडीएफ साफ्टवेअर की ड्युप्लिकेट प्रतियाँ प्रमाणित करें और उक्त को यथानुरुप रिज़र्व बैंक के संबंधित कार्यालय /यों को भेजें । 10. उक्त ऋण सहायता के अधीन वित्तपोषित निर्यातों के संबंध में कोई एजेन्सी कमीशन देय नहीं होगा । तथापि भारतीय रिज़र्व बैंक उन मालों के संबंध में जिन्हें बिक्री के पश्चात सेवा की जरुरत है, के लिए पोतपर्यंत न:शुल्क मूल्य का 5 प्रतिशत की अधिकतक सीमा तक कमीशन की भुगतान के लिए अनुरोधोंपर गुणवत्ता पर विचार करेगा । ऐसे मामलों में कमीशन ईएडीबी सदस्य देशों में अर्थात केन्या, टांझानिया और युगांडा को संबंधित लदान के बिजक से घटाकर ही अदा किया जाना होगा ओर एक्ज़िम बैंक से परक्रामण बैंक को प्रतियोग्य राशि अदा कमीशन घटाकर जहाजपर्यंत न:शुल्क/लागत बीमा/लागत भाडा मूल्य का 90 प्रतिशत होगी । संबंधित लदान होने के पहले कमीशन की भुगतान हेतु अनुमोदन प्राप्त किया जाना चाहिए । 11. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये । 12. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गये है । इस निदेशों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है । भवदीया (कि.ज. उदेशी) |