एक्जिम बैंक की बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर की साख- पत्र पुन:वित्तीयन सुविधा
भारतीय रिज़र्व बैंक भारिबैंक/2004/141 12 अप्रैल 2004 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय एक्जिम बैंक की बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान को भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्ज़िम बैंक) ने बैंक मारकाजी जोम्हौरी इस्लामी ईरान (ईरान के इस्लामिक रिपब्लिक के केंद्रीय बैंक) के साथ बादवाले को 20 मिलियन अमरीकी डॉलर (बीस मिलियन अमरीकी डॉलर) की पुन:वित्तीयन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 28 फरवरी 2004 को एक करार किया है। यह ऋण करार 28 फरवरी 2004 को लागू हो गया है और भारत से ईरान को 24 महीनों की अवधि के लिए अर्थात् 27 फरवरी 2006 तक निर्यात वित्तीयन के लिए उपलब्ध है। 2. चूंकि मारकाजी ने उपर्युक्त ऋण के लिए बैंक मल्लत, बैंक मेल्ली, बैंक सिपाह, बैंक सादरत, बैंक तेजारत तथा बैंक ऑफ इंडस्ट्री एण्ड माइन को जारीकर्ता बैंक के रूप में पदनामित किया है, अत: एक्जिम बैंक ने भारत की ओर से बैंक ऑफ महाराष्ट्र, युनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा युटीआइ बैंक को एडवाइजिंग/निगोशिएटिंग बैंक के रूप में पदनामित किया है । 3. इस ऋण के अंतर्गत पोतलदान की घोषणा जीआर/एसडीएफ फॉर्मों में मौजूदा अनुदेशों के अनुसार करनी होगी। 4. उपर्युक्त ऋण सहायता के तहत वित्तीयन किये गये निर्यात के संबंध में कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं है। अतएव, यदि आवश्यक हो तो निर्यातक को ऐसे भुगतान के लिए अपने निजी संसाधनों उपयोग करना होगा। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को अवगत करा दें और उन्हें सूचित करें कि वे एक्झिम बैंक के कार्यालय से अथवा उसकी वेब-साइट से पुन:वित्तीयन सुविधा के पूरे ब्योरे प्राप्त करें। 6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं। भवदीया (ग्रेस कोशी) |
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