निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा : छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा : छूट
आरबीआई/2008-09/284 15 नवंबर 2008 सभी अनुसूचित बैंक [क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) को छोड़कर] प्रिय महोदय/ महोदया, निर्यात ऋण पुनर्वित्त सुविधा : छूट कृपया उपर्युक्त विषय पर रिज़र्व बैंक की दिनांक 15 नवंबर 2008 की प्रेस प्रकाशनी के पैरा सं 4(vii) का संदर्भ लें। इसमें दर्शाए गए अनुसार निर्यात ऋण पुनर्वित्त (ईसीआर) सुविधा की पात्र सीमा को पिछले दूसरे पखवाड़े के अंत में पुनर्वित्त के लिए पात्र बकाया रुपया निर्यात ऋण के 15 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। ईसीआर सुविधा पर ली जाने वाली ब्याज दर रिज़र्व बैंक की चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत प्रचलित रेपो दर बनी रहेगी जो वर्तमान में 7.5 प्रतिशत है। 3. दिनांक 1 जुलाई 2008 के मास्टर परिपत्र संदर्भ.सं.एमपीडी.302/07.01.279/2008-09 के अनुबंध III में शामिल रिपोर्टिंग प्रारूप का भाग ए तदनुसार संशोधित और संलग्न किया गया है। भवदीय (एम.डी. पात्र) रिपोर्टिंग प्रारूप फॉर्म डीएडी 389
* पुनर्वित्त सीमा निर्धारित करने के उद्देश्य से बकाया निर्यात ऋण कुल बकाया निर्यात ऋण होगा माइनस अन्य बैंकों/एक्जिम बैंक/वित्तीय संस्थाओं के साथ पुन: भुनाए गए निर्यात बिल, निर्यात ऋण जिसके बदले में नाबार्ड/एक्जिम बैंक से पुनर्वित्त प्राप्त किया गया है, विदेशी मुद्रा में लदान-पूर्व ऋण (पीसीएफसी), 'विदेश में निर्यात बिलों की पुनर्भुनाई' की योजना के तहत भुनाए/पुनः भुनाए गए निर्यात बिल, अतिदेय रुपया निर्यात ऋण और अन्य निर्यात ऋण जो पुनर्वित्त के लिए पात्र नहीं हैं। |