भूतपूर्व सोवियत यूनियन द्वारा स्वीकृत माल और सेवाओं के निर्यात के बदले सरकारी ऋण की चुकौती - आरबीआई - Reserve Bank of India
भूतपूर्व सोवियत यूनियन द्वारा स्वीकृत माल और सेवाओं के निर्यात के बदले सरकारी ऋण की चुकौती
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.( डीआइआर .सिरीज) परिपत्र क्र. 13 सितम्बर 6, 2002 सेवा में महोदया / महोदय भूतपूर्व सोवियत यूनियन द्वारा स्वीकृत माल और सभी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जून 15, 1998 के ए.पी.(जीपी सिरीज़) परिपत्र क्र. 11 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार रिज़र्व बैंक को दावों की प्रतिपूर्ति के लिए प्रस्तुत प्रलेखों की बेर्ाानिं साख पत्र की वैधता के अंतर्गत बैंक द्वारा स्वीकृत किया जाता है बशर्ते कि दावा साख पत्र की समाप्ति की तारीख के 37 कार्य दिन, उन दिनों को निकाल कर जबकि भारतीय रिज़र्व बैंक बंद रहता है, के भीतर प्राप्त होता है । 2. अब बीएफईए, यूएसएसआर, मास्को के साथ परामर्शदाता करके निर्णय किया गया है कि प्रतिपूर्ति के दावे प्रस्तुत करने की अवधि, साख पत्र की समाप्ति की तारीख से 37 दिन, उन दिनों को निकाल कर जबकि भारतीय रिज़र्व बैंक बंद रहता है, से घटाकर 27 दिन की जाए । 3. अत: प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित किया जाता है कि अब से सरकारी ऋण के बदले किए गए निर्यात के मूल्य की प्रतिपूर्ति के लिए दावा इस प्रकार प्रस्तुत किया जाए कि वह क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, जमा लेखा विभाग, मुंबई को उपर्युक्त 27 दिन के भीतर प्राप्त हो जाए । निर्धारित अवधि के बाद प्राप्त होने वाले दावों पर बीएफईए की नवीन पुष्टि के बाद ही विचार किया जाएगा । 4. निर्यातकों के लिए 6 सितंबर 2002 की नोटिस क्र. 1 संलग्न है जिसकी विषय वस्तु की जानकारी रुसी फेडरेशन के साथ निर्यात व्यापार करने वाले ग्राहकों को दे दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीया ग्रेस कोशी |