RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79066008

माल और सेवाओं का निर्यात-शिपिंग दस्तावेजों का सीधा संप्रेषण निर्यात आय की वसूली और स्वदेश प्रत्यावर्तन-उदारीकरण

?????? ??

आरबीआई/2008-09/127
एपी (डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं.6

13 अगस्त, 2008

सेवा में
सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक

महोदय / महोदया

माल और सेवाओं का निर्यात-शिपिंग दस्तावेजों का सीधा संप्रेषण
निर्यात आय की वसूली और स्वदेश प्रत्यावर्तन-उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान, हमारे 9 सितंबर, 2000 के एपी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र परिपत्र सं.12 के पैरा इ -7 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों/निर्यातकों को कतिपय मामलों में निर्यातक द्वारा पोतलदान के दस्तावेज माल पानेवाले को सीधे भेजने की अनुमति दी गई है। निर्यातक द्वारा पोतलदान के दस्तावेज माल पानेवाले को सीधे भेजने के सभी मामलों में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा हर मामलें पर अलग अलग विचार किया जाता है।

2. निर्यातकों को उपलब्ध सुविधाओं को और उदार तथा प्रक्रिया को सरल बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों को अनुमति दी जाये कि वे 1 मिलियन अमरीकी डॉलर तक या उसके समतुल्य के प्रत्येक निर्यात पोतलदान के निर्यातक द्वारा माल के अंतिम गंतव्य देश में निवासी माल पानेवाले अथवा उसके एजेंट को, निर्यात पोतलदान दस्तावेज सीधे भेजने के मामलों को निम्न शर्तों के अधीन निपटान करने करें :-

क) निर्यात राशि की पूरी वसूली हो चुकी हो ।
ख) निर्यातक, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक का कम से कम छह माह से नियमित ग्राहक हो।
ग) आयातक का खाता , भारतीय रिज़र्व बैंक के वर्तमान ’अपने ग्राहक को जानिए’(केवासी) /धन शोधन निवारण (एएमएल) के दिशा-निर्देशों का सम्यक रूप से पालन करता हो।
ङ) प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक सौदे की प्रामाणिकता से संतुष्ट हो।

3. किसी संदिग्ध मामले में,प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक , एफआइयू_आइएनडी (भारतीय वित्तीय आसूचना इकाई ) के पास संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) दर्ज करवाने पर भी विचार कर सकता है।

4. 14 अगस्त, 2002 और 1अप्रैल 2002 के क्रमश: एपी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.10 और 35 द्वारा विशेष आर्थिक अंचल में स्थित इकायां और हैसियतवाले निर्यातकों के लिए जारी दिशा-निर्देश अपरिवर्तित रहेंगे।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी घटकों और ग्राहकों को अवगत
कराएं ।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 की 42) धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानुन के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोन यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?