माल और सेवाओं की निर्यात -संवर्धन के आधार पर माल का निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
माल और सेवाओं की निर्यात -संवर्धन के आधार पर माल का निर्यात
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.94 अप्रैल 26, 2003 सेवा में महोदया/महोदय, माल और सेवाओं की निर्यात -संवर्धन के आधार पर माल का निर्यात प्राधिकृत व्यापारियों इस बात से अवगत है कि रिज़र्व बैंक मान्यता प्राप्त और सुप्रतिठित निर्यातकों को निर्यात संवर्धन के दृष्टिकोण से समुद्रपारीय खरीदारों को विभिन्न मदों का न:शुल्क निर्यात करने के लिए आवेदन प्राप्त होने पर जीआर माफी की अनुमति देने पर विचार करता है। 2. ऐसे आवेदनों के शीघ्रता से निपटान के लिए निर्णय किया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी अब से न:शुल्क निर्यात के लिए अनुरोधों पर पिछले तीन वर्षों के दौरान आवेदक के वार्षिक औसत निर्यात के 2 प्रतिशत तक 5 लाख रुपये की सीमा के अधीन, निर्यात संवर्धन के लिए अनुमति देने पर विचार कर सकते हैं। 3. ध्यान रखा जाए कि जो आवेदन उक्त दिशानिदेशों से मेल नहीं खाते है उन्हें रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय में विचारार्थ भेजा जाए। 4. अनुमति देने वाले प्राधिकृत व्यापारी अपने द्वारा जारी अनुमतियों का रिकार्ड रखेंगे। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) |