लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात - आरबीआई - Reserve Bank of India
लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात
आरबीआई /2004-05/175 13 सितबंर 2004 सेवा में महोदया / महोदय लैटिन अमरीकी देशों को माल और सेवाओं का निर्यात प्राधिकृत व्यापारि बैंकों का ध्यान अगस्त 20, 2003 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.12 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उपर्युक्त परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यातित माल / सॉफ्टवेयर के पूर्ण मूल्य की 360 दिनों के भीतर वसूली और प्रत्यावर्तन सुविधा को समीक्षा के अधीन अगस्त 31, 2004 तक बढ़ाया गया था । 2. इस सुविधा को सितंबर 1, 2004 से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है । तदनुसार, अर्थात् सितंबर 1, 2004 को या उसके बाद किया गए निर्यात के लिए, उसी परिपत्र के संलग्नक में सूचीबध्द देशों को निर्यात करनेवाले निर्यातक, निर्यात की तारीख से छ: महीने की निर्धारित अवधि के भीतर पूरे निर्यात प्राप्तियों की वसूली के लिए बाध्य हैं । 3. तथापि, निर्यात वसूली के लिए 360 दिनों की सुविधा उन निर्यातों के लिए उपलब्ध रहेगी जो स्टेटस होल्डर निर्यातकों और निर्माता निर्यातकों / व्यापारी निर्यातकों और कतिपय उत्पादों के व्यापारियों द्वारा लैटिन अमरीकी देशों को की जाती है तथा जिनके पास अप्रैल 1, 2002 और अक्तूबर 21, 2003 के एपी(डीआइआर सिरिज़) परिपत्रों क्रमश: 35 और 30 में बताए गए अनुसार 100 करोड़ रुपए (1000 मिलियन रुपए ) और उससे अधिक के निर्यात करार हैं । 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन यदि कोई हो तो, उस पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । 5. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । भवदीया ग्रेस कोशी |