उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण
आर.बी.आइ/2004/66 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय उपहार के रूप में वस्तुओं का निर्यात - उदारीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 के विनियम 4 के खण्ड(ङ) के अनुसार, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी में दिया गया है कि उपहार के रूप में वस्तुओं के निर्यात की अनुमति है बशर्ते कि निर्यातक घोषणा करें कि वस्तुएं एक लाख रुपये से कम मूल्य की हैं। 2. प्रक्रिया को और उदार बनाने के उद्देश्य से तत्काल प्रभाव से उपर्युक्त सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये वार्षिक करने का निर्णय लिया गया है। 3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (काल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधनों को अलग से अधिसूचित किया जा रहा है, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000-आरबी देखें। 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी |