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बाह्य वाणिज्यिक उधार

आरबीआइ/2005-06/87

ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.5

अगस्त 1, 2005

सेवा में

विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक

महोदया/महोदय,

बाह्य वाणिज्यिक उधार

प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में जारी अप्रैल 25, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.60 और जनवरी 31, 2004 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 40 की ओर आकर्षित किया जाता है। प्रचलित व्यष्टि आर्थिक परिस्थितियों, बाह्य वाणिज्यिक उधार की व्यवस्था में रिज़र्व बैंक द्वारा अब तक प्राप्त अनुभवों और कतिपय क्षेत्रों से प्राप्त अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों की समीक्षा की गई है।

2. तदनुसार बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति को निम्नानुसार उदारीवफ्त/ आशोधित करने का निर्णय लिया गया है :

  1. बुनियादी परियोजनाओं को पट्टे पर देने के लिए बुनियादी उपकरणों के आयात के वित्तपोषण हेतु बहुदेशीय वित्तीय संस्थाओं, ख़्याति प्राप्त क्षेत्रीय वित्तीय संस्थाओं, आधिकारिक निर्यात ऋण एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय बैंकों से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा 5 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधिवाले बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित मार्ग के तहत विचार किया जाएगा।
  2. विशिष्ट मानदण्डों को पूरा करनेवाली आवास वित्तपोषक कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बाण्डों के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदित मार्ग के तहत विचार किया जाएगा।
  3. उधारकर्ता कंपनी में विदेशी ईक्विटी धारक द्वारा ईक्विटी की न्यूनतम धारिता (जो बाह्य वाणिज्यिक उधार के लिए मान्यताप्राप्त उधारदाता के रूप में विदेशी ईक्विटी धारक होने के लिए योग्य होगा) को स्पष्ट किया गया है:
  4. 200 मिलियन अमरीकी डॉलर तक के बाह्य वाणिज्यिक उधार की पूर्व चुकौती (वर्तमान 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की तुलना में) की अनुमति रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बगैर प्राधिवफ्त व्यापारी द्वारा दी जाए बशर्ते ऋण के संबंध में लागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि का अनुपालन किया गया हो। 200 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक राशि के बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व चुकौती के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमोदन मार्ग के तहत विचार किया जाएगा।
  5. अंतरराष्ट्रीय बैंकों/ अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं/ संयुक्त उद्यम साझेदारों द्वारा साख स्तर को बढ़ाये जाने के लिए भारत सरकार घरेलू रुपया मूल्यवर्ग संरचनावाले करार की अनुमति प्रदान करता है।

3. संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति समीक्षा के अधीन तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

4. व्यापक तथा संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति मार्गदर्शी सिद्धांत इस परिपत्र के संलग्नक में दिए गए हैं।

5. मई 3, 2000 के विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधित अलग से जारी किए जा रहे हैं।

6. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

 

भवदीय

(विनय बैजल)

मुख्य महा प्रबंधक


 

अगस्त 11, 2005
के ए.पी.(डीआइआर) परिपत्र सं.5 का संलग्नक

बाह्य वाणिज्यिक उधार

1. बाह्य वाणिज्यिक उधार का संबंध अनिवासी उधारकर्ताओं से तीन वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधिवाले वाणिज्यिक ऋणों डअर्थात् बैंक ऋण, आपूर्तिकर्ता ऋण, जांची गई लिखतों (अर्थात् अस्थिर दरवाले नोटों और निर्धारित दरवाले बांड्स) से है। बाह्य वाणिज्यिक उधार को दो मार्गों, नामत: (व) पैरा 1(अ) में दिया गया स्वत: अनुमोदित मार्ग, और (वव) पैरा 1(आ) में दर्शाए गए अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत प्राप्त किया जा सकता है।

(अ) स्वत: अनुमोदित मार्ग

वर्तमान नीति के तहत स्थावर संपदा क्षेत्र में निवेश के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार - औद्योगिक क्षेत्र, विशेष रूप से भारत में संरचनात्मक क्षेत्र, स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत है अर्थात् उसके लिए भारतीय रिज़र्व बैंक/ सरकार अनुमोदन की अपेक्षा नहीं होगी। स्वत: अनुमोदित मार्ग से प्राप्त करने की पात्रता के बारे मे कोई शंका होने पर आवेदक अनुमोदन मार्ग को अपना सकते हैं।

  1. पात्र उधारकर्ता
  2. (क) वित्तीय मध्यस्थों के सिवाय, कंपनी अधिनियम के अंतर्गत पंजीवफ्त कंपनियां (जैसे, बैंक वित्तीय संस्थाएं (एफआई),आवास वित्त कंपनियां और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां) पात्र हैं। व्यक्ति, ट्रस्ट और लाभ नहीं कमानेवाले संगठन बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही के लिए पात्र नहीं हैं।

    (ख) व्यष्टि वित्तपोषण क्रियाकलापों में लगे गैर सरकारी संगठन बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने के लिए पात्र हैं। ऐसे गैर-सरकारी संगठनों का (व) विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से उधार लेने का कम से कम 3 वर्षों का संतोषजनक संबंध हो, (वव) उन्हें नामित प्राधिवफ्त व्यापारी से उधारकर्ता कंपनी के प्रबंधन बोड़/ समिति के "योग्य और उपयुक्त" हैसियत के संबंध में यथोचित कर्मिष्ठता प्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी।

  3. मान्यता पात्र उधारदाता
  4. (क) अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त स्रोतों, जैसे (व) अंतरराष्ट्रीय बैंक, (वव) अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाज़ार, (ववव) बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाएं (जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्त कंपनी, एशियाई विकास बैंक, सीडीसी, आदि), (वख्) निर्यात ऋण एजेंसियां और (ख्) उपकरणों के आपूर्तिकर्ता, (ख्व) विदेशी सहयोगी और (ख्वव) विदेशी ईक्विटी धारकों से बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही कर सकते हैं।

    इसके अलावा निम्नलिखित पूर्वोपायों का अनुपालन करनेवाले समुद्रपारीय संगठन और व्यक्ति, व्यष्टि वित्तपोषण करनेवाली गैर सरकारी संगठनों को बाह्य वाणिज्यिक उधार दे सकते हैं।

    (ख) बाह्य वाणिज्यिक उधार देने का इरादा रखनेवाले समुद्रपारीय संगठनों को किसी समुद्रपारीय बैंक से प्राप्त यथोचित कर्मिष्ठता का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा जो क्रमश: मेजबान देश विनियामक के विनियमों के अधीन है तथा नामित प्राधिवफ्त व्यापारी के वित्तीय कार्रवाई कार्यदल के मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करता है। यथोचित कर्मिष्ठता प्रमाणपत्र में शामिल होना चाहिए कि (व) उधारदाता का बैंक में कम से कम दो वर्ष से खाता है (वव) कि उधार देनेवाली कंपनी स्थानीय कानून के अनुसार गठित की जाती है तथा व्यापारी/ स्थानीय समुदाय में इनका अच्छा सम्मान है और (ववव) कि उन पर कोई भी आपराधिक मामला विचाराधीन नहीं है।

    (ग) एकल उधारदाता को समुद्रपारीय बैंक से एक यथोचित कर्मिष्ठता प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा जिसमें यह दर्शाया जाए कि बैंक में उधारदाता का कम से कम दो वर्षों से खाता है। समुद्रपारीय उधारदाताओं द्वारा प्रस्तुत किए जानेवाले लेखा का लेखापरीक्षित विवरण और आयकर विवरणी जैसे अन्य साक्ष्यों/ दस्तावेजों को समुद्रपारीय बैंक द्वारा अभिप्रमाणित और अग्रेषित किया जाना जरूरी है। ऐसे देशों के एकल उधारदाताओं को, जहां बैंकों द्वारा अपने ग्राहकों को जानिए मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन जरूरी नहीं है, बाह्य वाणिज्यिक उधार देने की अनुमति नहीं है।

    (घ) समुद्रपारीय उधारदाता के परिचय पत्र में मुख्य सक्रिय भाग यह है कि बाह्य वाणिज्यिक उधार किसी अंतरराष्ट्रीय मान्यताप्राप्त स्रोत से लेना चाहिए तथा मान्यताप्राप्त संवर्गों में एक उपर्युक्त दर्शाए गए अनुसार "विदेशी ईक्विटी धारक" है। यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी "विदेशी ईक्विटी धारक" को स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत "मान्यताप्राप्त उधारकर्ता" के रूप में पात्र होने के लिए उधारकर्ता की कंपनी में निम्नानुसार ईक्विटी की न्यूनतम धारिता की जरूरत होगी :

    (घ.व) 5 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार - उधारदाता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से 25 प्रतिशत की न्यूनतम ईक्विटी धारिता

    (घ.वव) 5 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक बाह्य वाणिज्यिक उधार उधारदाता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से 25 प्रतिशत की न्यूनतम ईक्विटी धारिता और ऋण ईक्विटी अनुपात अधिकतम 4:1 (अर्थात् प्रस्तावित बाह्य वाणिज्यिक उधार प्रत्यक्ष विदेशी ईक्विटी धारिता के चार गुने से अधिक न हो)।

  5. राशि और परिपक्वता

क. 3 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता वाले 20 मिलियन अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य राशि के बाह्य वाणिज्यिक उधार

ख. 5 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता वाले 20 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक और 500 मिलियन अमरीकी डॉलर तक अथवा उसके समतुल्य राशि के बाह्य वाणिज्यिक उधार

ग. किसी कंपनी द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान जुटाई जानेवाली बाह्य वाणिज्यिक उधार की अधिकतम राशि 500 मिलियन अमरीकी डॉलर हो सकती है।

घ. व्यष्टि वित्तपोषण कार्यकलाप करनेवाली गैर सरकारी संगठन एक वित्तीय वर्ष के दौरान 5 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही कर सकती है।

ङ) 20 मिलियन अमरीकी डॉलर तक के बाह्य वाणिज्यिक उधार में क्रय/ विक्रय विकल्प हो सकते हैं बशर्ते कि क्रय/विक्रय विकल्प का उपयोग करने से पहले औसत 3 वर्ष की न्यूनतम परिपक्वता अवधि पूरी कर ली गई हो।

वख्) समग्र लागत सीमा

इसमें वायदा फीस, समयपूर्व चुकौती फीस और भारतीय रुपये में देय फीस के सिवाय ब्याज दर, अन्य फीस और विदेशी मुद्रा में खर्चे शामिल हैं । परंतु कर भुगतान के लिए भारतीय रुपये में राशि रोक रखने को समग्र लागत की गणना में शामिल नहीं किया गया है।

बाह्य वाणिज्यिक उधार की समग्र लागत सीमा को समय-समय पर दर्शाया जाता है। समीक्षा होने तक समग्र लागत सीमा निम्नानुसार होगी।

औसत परिपक्वता अवधि

6ह माह तक के लाइबोर* से ऊपर

समग्र लागू सीमा

तीन वर्ष और पांच वर्ष तक

200 आधार बिंदु

पांच वर्ष से अधिक

350 आधार बिंदु


*उधार के संबंधित मुद्रा अथवा लागू बेंचमार्क के लिए

ख्) अंतिम उपयोग

(क) बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही भारत में स्थावर संपत्ति क्षेत्र (जैसे, पूंजी माल का आयात, नयी परियोजनाएं, मौज़ूदा उत्पादन इकाइयों का आधुनिकीकरण/ विस्तार) के लिए - औद्योगिक क्षेत्र जिसमें लघु और मध्यम दर्जे के उपक्रम शामिल हैं और संरचनात्मक क्षेत्र में निवेश के लिए की जा सकती है। संरचनात्मक क्षेत्र की परिभाषा इस प्रकार की गई है - (व) ऊर्जा, (वव) दूरसंचार, (ववव) रेलवे, (वख्) पुल समेत सड़क, (ख्) पोर्ट, (ख्व) औद्योगिक पार्क और (ख्वव) शहरी संरचना (जल आपूर्ति, स्वच्Žता एवं जलमल परियोजना);

(ख) भारतीय समुद्रपारीय विनिवेश के संबंध में वर्तमान मार्गदर्शी सिद्धांतों के तहत बाह्य विदेशी उधारों का उपयोग विदेश स्थित संयुक्त उद्यम/ पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों के लिए किया जा सकता है।

(ग) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों के सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत विनिवेश प्रक्रिया में शेयरों के प्रथम चरण में अधिग्रहण और जनता को अनिवार्य दूसरे चरण के प्रस्ताव में किय जा सकता है।

(घ) व्यष्टि वित्तपोषण करनेवाले गैर-सरकारी संगठन बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राप्तियों का उपयोग स्वयं सहायता समूहों को उधार देने अथवा व्यष्टि ऋण अथवा वास्तविक व्यष्टि वित्तपोषण गतिविधियों, जिसमे क्षमता निर्माण शामिल है, के लिए कर सकते हैं।

(ङ) कंपनी द्वारा बाह्य वाणिज्यिक उधार प्राप्तियों का उपयोग आगे उधार देने अथवा पूंजी बाज़ार में निवेश अथवा किसी कंपनी (उसके किसी हिस्से का) के अधिग्रहण के लिए नहीं किया जा सकता है।

(च) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग स्थावर संपत्ति की खरीद के लिए अनुमत नहीं है। ‘स्थावर संपत्ति’ अभिव्यक्ति में एकीवफ्त टाउनशिप विकास जैसा कि वित्त और उद्योग मंत्रालय, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, एसआईए (एफसी प्रभाग), प्रेस नोट 3 (2002 सिरीज़, दिनांक 04.01.2002) में परिभाषित है, इसमें शामिल नहीं है।

(छ) कार्यशील पूंजी, सामान्य कारपोरेट उेश्यिों और वर्तमान रुपया ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार के अंतिम उपयोग की अनुमति नहीं है।

ख्व) गारंटी

बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में बैंक, वित्तीय संस्थाओं और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को गारंटी/ तत्काल साखपत्र अथवा लेटर ऑफ कंफर्ट जारी करने की अनुमति नहीं है।

ख्वव) ज़मानत

उधारदाता / आपूर्तिकर्ता को दी जाने वाली ज़मानत का विकल्प उधारकर्ता को ही चुनना है। परंतु समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में अचल परिसंपत्तियों और वित्तीय प्रतिभूतियों, जैसे शेयर पर प्रभार का सफ्जन, क्रमश: मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.21/ आरबी-2000 के विनियम 8 और मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/आरबी-2000 के विनियम 3 के अधीन है।

ख्ववव) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय को विदेशों में रखना

बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय को भारत में वास्तविक आवश्यकता न होने तक विदेश में रखा जाएगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेश में रखे गए बाह्य वाणिज्यिक उधार का निम्नलिखित चल परिसंपत्तियों में निवेश किया जा सकता है (क) जमा अथवा जमा प्रमाणपत्र अथवा बैंक द्वारा प्रस्तावित अन्य लिखत जो स्टैंडड़ अथवा पूअर/ फिट्ज़ आइबीसीए द्वारा अअ(-) अथवा मूडीज़ द्वारा अक3 निर्धारित से कम नहीं; (ख) भारत में किसी प्राधिवफ्त व्यापारी की समुद्रपारीय शाखा के पास जमा तथा (ग) उपर्युक्त के अनुसार न्यूनतम निर्धारणवाले एक वर्ष की परिपक्वता अवधि के खजाना बिल और अन्य मौद्रिक लिखत। निधियों का इस प्रकार निवेश किया जाए कि निवेश का भारत के उधारकर्ता द्वारा आवश्यकतानुसार परिसमापन किया जा सके।

वग्) समयपूर्व भुगतान

200 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान भारतीय रिज़र्व बैंक के बगैर पूर्वानुमोदन के अनुमत है बशर्ते कि ऋण पर लागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि का अनुपालन किया जाता है।

ग्) मौज़ूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार का पुनर्वित्तपोषण

कम लागत पर नया बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही कर मौज़ूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार के पुनर्वित्त पोषण की अनुमति है बशर्ते कि मूल ऋण की शेष परिपक्वता अवधि को बनाए रखा जाता है।

ग्व) ऋण चुकौती

सरकार/ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी बाह्य वाणिज्यिक उधार दिशानिर्देशों के अनुसार नामित प्राधिवफ्त व्यापारी (एडी) को मूल धन / ब्याज तथा अन्य प्रभारों की किस्त भेजने की सामान्य अनुमति है।

ग्वव) प्रक्रिया

बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करते हुए उधारकर्ता स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत बाह्य वाणिज्यिक उधार उगाहने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन के बगैर मान्यता प्राप्त उधारदाता के साथ ऋण करार कर सकता है। उधारकर्ता खंड 1(इ) के अंतर्गत रिपोर्टिंग की व्यवस्था के अनुपालन का ध्यान रखें। उगाही गई/ उपयोग की गई बाह्य वाणिज्यिक उधार, बाह्य वाणिज्यिक उधार के दिशाेनिर्देशों और रिज़र्व बैंक विनियमावली/ निदेशों/ परिपत्रों के अनुरूप है यह सुनिश्चित करना संबंधित उधारकर्ता की ज़िम्मेदारी है तथा बाह्य वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों के किसी भी उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा और इस संबंध में दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। नामित प्राधिवफ्त व्यापारी से यह भी सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाही/ के उपयोग के प्रमाणीकरण के समय बाहय वाणिज्यिक उधार के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुपालन में किया जाता है।

खंड घ्घ् : अनुमोदन मार्ग

अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत बाह्य वाणिज्यिक उधार के निम्नलिखित किस्म के प्रस्ताव शामिल हैं।

व. पात्र उधारकर्ता

क) केवल संरचनात्मक अथवा निर्यात वित्त में कार्यरत वित्तीय संस्थाएं जैसे, आईडीएफसी, आईएलएफएस, ऊर्जा वित्त निगम, पॉवर ट्रेडिंग निगम, आईआरसीओएन, और एक्ज़िम बैंक पर मामला दर मामला आधार पर विचार किया जाता है।

ख) सरकार के अनुमोदन के अनुसार टेक्स्टाइल अथवा स्टील क्षेत्र की पुनर्रचना पैकेज में सहभागी बैंक और वित्तीय संस्थाओं को भी पैकेज में उनके निवेश की सीमा तक और विवेकपूर्ण मानदंडों के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारण के अनुसार अनुमति दी जाएगी। इस प्रयोजन के लिए अब तक लिया गया कोई भी बाह्य वाणिज्यिक उधार उनके हकदारी में से घटा दिया जाएगा।

ग) पैराग्राफ 1अ(ववव)(क) और 1अ(ववव)(ख) में उल्लिखित स्वत: अनुमोदित मार्ग सीमाओं और परिपक्वता अवधि के दायरे में न आने वाले मामले।

घ) बुनियादी परियोजनाओं को पट्टे पर बुनियादी उपकरण के आयात के वित्तपोषण के लिए बहुदेशीय वित्तीय संस्थाओं, ख्याति प्राप्त क्षेत्रीय वित्तीय संस्थाओं, आधिकारिक निर्यात ऋण एजेंसियों से गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा 5 वर्ष की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधिवाले बाह्य वाणिज्यिक उधार।

ङ) निम्नलिखित न्यूनतम मानदंडां को पूरा करनेवाले आवास वित्त कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड : (व) पिछले तीन वर्ष के दौरान वित्तीय बिचौलिए की न्यूनतम निवल मालियत 500 करोड़ रुपए से कम नहीं होना चाहिए (वव) बीएसई अथवा एनएसई में सूचीबद्ध हो (ववव) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड का न्यूनतम आकार 100 मिलियन अमरीकी डॉलर हो (वख्) आवेदक निधि का प्रयोजन/ उसके उपयोग की योजना प्रस्तुत करे।

वव. मान्यता प्राप्त उधारदाता

(क) उधारकर्ता अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त स्रोतों जैसे (व) अंतरराष्ट्रीय बैंक, (वव) अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाज़ार, (ववव) बहुपक्षीय वित्तीय संस्थाएं (जैसे अंतरराष्ट्रीय वित्त कंपनी, एशियाई विकास बैंक, सीडीसी, आदि), (वख्) निर्यात ऋण एजेंसियां और (ख्) उपकरणों के आपूर्तिकर्ता, (ख्व) विदेशी सहयोगी और विदेशी ईक्विटी धारकों से बाह्य वाणिज्यिक उधार ले सकते हैं।

(ख) "विदेशी ईक्विटी धारक" से तात्पर्य जहां, विदेशी ईक्विटी उधारदाता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से न्यूनतम ईक्विटी धारिता 25 प्रतिशत है किन्तु ऋण-ईक्विटी अनुपात 4:1 से अधिक है (अर्थात् प्रस्तावित बाह्य वाणिज्यिक उधार, प्रत्यक्ष विदेशी ईक्विटी धारिता के चार गुणा से अधिक है)।

ववव समग्र लागत सीमाएं

समग्र लागत सीमा में वायदा फीस, समयपूर्व चुकौती फीस और भारतीय रुपए में देय फीस के सिवाय ब्याज दर अन्य फीस और विदेशी मुद्रा के खर्चे शामिल हैं। परंतु कर भुगतान के लिए भारतीय रुपये में राशि रोक रखने को समग्र लागत की गणना में शामिल नहीं किया गया है। बाह्य वाणिज्यिक उधार के लिए समग्र लागत सीमा समय-समय पर सूचित की जाएगी। निम्नलिखित सीमाएं तुरंत प्रभाव से लागू हैं और समीक्षा तक वैध रहेंगी।

 

औसत परिपक्वता अवधि

6ह माह तक के लाइबोर* से ऊपर

समग्र लागू सीमा

तीन वर्ष और पांच वर्ष तक

200 आधार बिंदु

पांच वर्ष से अधिक

350 आधार बिंदु


*उधार के संबंधित मुद्रा अथवा लागू बेंचमार्क के लिए

वख्. अंतिम उपयोग

(क) बाह्य वाणिज्यिक उधार की उगाह्ी भारत में केवल स्थावर संपत्ति क्षेत्र (जैसे, पूंजी माल का आयात, नयी परियोजनाएं, मौज़ूदा उत्पादन इकाइयों का आधुनिकीकरण / विस्तार) के लिए - औद्योगिक क्षेत्र जिसमें लघु और मध्यम दर्जे के उपक्रम शामिल हैं और संरचनात्मक क्षेत्र में निवेश के लिए की जा सकती है । संरचनात्मक क्षेत्र की परिभाषा इस प्रकार की गई है - (व) ऊर्जा, (वव) दूरसंचार, (ववव) रेलवे, (वख्) पुल समेत सड़क, (ख्) पोर्ट, (ख्व) औद्योगिक पार्क और (ख्वव) शह्री ढांचे (जल आपूर्ति, स्वच्Žता एवं जलमल परियोजना);

(ख) विदेश स्थित संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों में भारतीय प्रत्यक्ष निवेश के संबंध में वर्तमान दिशानिर्देशों के अधीन संयुक्त उद्यम/पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक कंपनियों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधारों का उपयोग किया जा सकता है।

(ग) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों के सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत विनिवेश प्रक्रिया में शेयरों के प्रथम चरण में अधिग्रहण और जनता को अनिवार्य दूसरे चरण प्रस्ताव में किया जा सकता है।

(घ) खंड 1आ (व)(क) और 1आ(व)(ख) के अंतर्गत पात्र बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा आगे उधार देने के अलावा बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग कंपनियों द्वारा आगे उधार देने अथवा पूंजी बाज़ार में निवेश में नहीं किया जा सकता है।

(ङ) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय का उपयोग स्थावर संपत्ति की खरीद के लिए अनुमत नहीं है । ‘स्थावर संपत्ति’ अभिव्यक्ति में एकीवफ्त टाउनशिप, विकास जैसा कि वित्त और उद्योग मंत्रालय, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, एसआईए (एफसी प्रभाग), प्रेस नोट 3 (2002 सिरीज़, दिनांक 04.01.2002) में परिभाषित है, इसमें शामिल नहीं है।

(च) कार्यशील पूंजी, सामान्य कारपोरेट उेश्यिों और वर्तमान रुपया ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार के अंतिम उपयोग की अनुमति नहीं है।

ख्) गारंटी

बाह्य वाणिज्यिक उधार के संबंध में बैंक, वित्तीय संस्थाओं और गैर-बैंैंकिंग वित्तीय कंपनियों की गारंटी/ तत्काल साखपत्र अथवा लेटर ऑफ कंफर्ट की सामान्यता अनुमति नहीं है । फिर भी, लघु और मध्यम दर्जे के उपक्रमों के मामले में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा उधार से संबंधित गारंटी तत्काल साखपत्र अथवा लेटर ऑफ कंफर्ट प्रदान करने के आवेदन पर विवेकपूर्ण मानदंडों के अधीन गुण-दोषों के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विचार किया जाएगा।

ख्व) ज़मानत

उधारदाता / आपूर्तिकर्ता को दी जाने वाली ज़मानत का विकल्प उधारकर्ता को ह्ी चुनना है। परंतु समुद्रपारीय उधारदाता के पक्ष में अचल परिसंपत्तियों और वित्तीय प्रतिभूतियों, जैसे शेयर पर प्रभार का सफ्जन मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.21/आरबी-2000 के विनियम 8 और मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/आरबी-2000 के विनियम 3 के अधीन है।

ख्वव) बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय को विदेशों में रखना

बाह्य वाणिज्यिक उधार की आय को भारत में वास्तविक आवश्यकता न होने तक विदेश में रखा जाएगा। यह स्पष्ट किया जाता है कि विदेश में रखे गए बाह्य वाणिज्यिक उधार का निम्नलिखित चल परिसंपत्तियों में निवेश किया जा सकता है (क) जमा अथवा जमा प्रमाणपत्र अथवा बैंक द्वारा प्रस्तावित अन्य लिखत जो स्टैंडड़ अथवा पूअर/ फिट्ज़ आइबीसीए द्वारा अअ(-) अथवा मूडीज़ द्वारा अक3 निर्धारित से कम नहीं; (ख) भारत में किसी प्राधिवफ्त व्यापारी की समुद्रपारीय शाखा के पास जमा तथा (ग) उपर्युक्त के अनुसार न्यूनतम निर्धारणवाले एक वर्ष की परिपक्वता अवधि के खजाना बिल और अन्य मौद्रिक लिखत। निधियों का इस प्रकार निवेश किया जाए कि निवेश का भारत के उधारकर्ता द्वारा आवश्यकतानुसार परिसमापन किया जा सके।

ख्ववव) समयपूर्व भुगतान

(क) 200 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्यिक उधार का समयपूर्व भुगतान भारतीय रिज़र्व बैंक के बगैर पूर्वानुमोदन के अनुमत है बशर्ते कि ऋण पर लागू न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि का अनुपालन किया जाए।

(ख) 200 अमरीकी डॉलर से अधिक राशि के बाह्य वाणिज्यिक उधार की समयपूर्व चुकौती के संबंध में अनुमोदित मार्ग के तहत रिज़र्व बैंक द्वारा विचार किया जाएगा।

 

वग्) मौज़ूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार का पुनर्वित्तपोषण

कम लागत पर नया ऋण उगाह कर मौज़ूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार के पुनर्वित्तपोषण की अनुमति है बशर्ते कि मूल ऋण की बकाया परिपक्वता को बनाए रखा जाए।

ग्) ऋण चुकौती

सरकार / भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी बाह्य वाणिज्यिक उधार दिशानिदेशों के अनुसार नामित प्राधिवफ्त व्यापारी (एडी) को मूल धन / ब्याज तथा अन्य प्रभारों की किस्तें भेजने की सामान्य अनुमति है।

ग्व) प्रक्रिया

आवदेक आवश्यक दस्तावेज़ के साथ फार्म ईसीबी (परिशिष्ट घ्घ् में फार्मेट) में नामित प्राधिवफ्त व्यापारी के माध्यम से प्रभारी मुख्य महा प्रबंधक, विदेशी मुद्रा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय कार्यालय, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्रभाग, मुंबई 400 001 को भेजें।

ग्वव) अधिकार प्रदत्त समिति

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा गठित अधिकार प्रदत्त समिति अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत आनेवाले प्रस्तावों पर विचार करेगी।

इ. रिपोर्ट करने की व्यवस्था और जानकारी का प्रसार

(व) रिपोर्ट करने की व्यवस्था

(क) प्रकिया को सरल बनाने के विचार से ऋण करार की प्रतिलिपि की प्रस्तुति को बंद कर दिया गया है।

(ख) उधारकर्ताओं से अपेक्षित है कि वे फार्म 83 (संलग्नक घ्घ्घ् में फार्मेट) में दो प्रतियां कंपनी सचिव अथवा सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित कराके नामित प्राधिवफ्त व्यापारी के पास प्रस्तुत करें। नामित प्राधिवफ्त व्यापारी एक प्रतिलिपि निदेशक, भुगतान संतुलन सांख्यकीय प्रभाग, सांख्यकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, बांद्रा-कुर्ला संकुल, मुंबई 400 051 को ऋण पंजीकरण क्रमांक प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत करे।

(ग) उधारकर्ता सांख्यकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक से ऋण पंजीकरण क्रमांक प्राप्त करने के बाद ही ऋण में आहरण द्वारा कमी कर सकते हैं।

(घ) उधारकर्ता नामित प्राधिवफ्त व्यापारी द्वारा प्रमाणित ईसीबी-2 विवरणी (संलग्नक घ्ङ में दिए गए फार्मेट) में मासिक आधार पर इस प्रकार भेजें कि वह सांख्यकीय विश्लेषण और कंप्यूटर सेवा विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक को संबंधित माह की समाप्ति से सात कार्यदिवस के भीतर मिल जाए। सभी वर्तमान उधारकर्ता भी उपर्युक्त के अनुसार जनवरी 2004 से मासिक आधार पर ईसीबी-2 विवरणी प्रस्तुत करें।

वव) जानकारी का प्रसार

अधिक पारदर्शिता के लिए ऋणी का नाम, राशि, बाह्य वाणिज्यिक उधार का प्रयोजन और उसकी परिपक्वता अवधि के संबंध में जानकारी अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत अनुमोदन प्राप्ति के अगले दिन कार्यदिवस तक तथा स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत मासिक आधार पर एक महीने के अंतराल पर, जिससे वह संबंधित है, भारतीय रिज़र्व बैंक की वेब-साइट पर डाली जाएगी।

2. विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड

विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड पर भी सभी प्रकार से बाह्य वाणिज्यिक उधार की नीति लागू है।

3. संरचनावाले करार

घरेलू स्रोतों से निधि उगाहने और विनिमय दर जोखिम की हेज़िंग के लिए कंपनियों को समर्थ बनाने हेतु सरकार अंतरराष्ट्रीय बैंकों/ अतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं/ संयुक्त उद्यम साझीदारों द्वारा साख स्तर को बढ़ाये जाने के लिए घरेलू रुपया मूल्य वर्ग संरचनावाले करारों की अनुमति प्रदान करती है। ऐसे आवेदन पत्रों पर अब से आगे अनुमोदन मार्ग के तहत रिज़र्व बैंक विचार करेगा।

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