बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान (रिज़ोल्यूशन) प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अंतर्गत रिज़ोल्यूशन आवेदकों के लिए ईसीबी सुविधा - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान (रिज़ोल्यूशन) प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अंतर्गत रिज़ोल्यूशन आवेदकों के लिए ईसीबी सुविधा
भारिबैंक/2018-19/121 7 फरवरी 2019 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति- कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान (रिज़ोल्यूशन) प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अंतर्गत रिज़ोल्यूशन आवेदकों के लिए ईसीबी सुविधा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान वर्ष 2018-19 के लिए दिनांक 7 फरवरी 2019 को जारी छठे द्वैमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य के विकासात्मक तथा विनियामक नीतियों पर वक्तव्य के पैराग्राफ -1 की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. “बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति – नया ईसीबी ढांचा” पर दिनांक 16 जनवरी 2019 को जारी ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.17 के अनुबंध के पैराग्राफ 2.1(viii) के अनुसार ईसीबी से प्राप्त राशि को घरेलू रुपया ऋणों की चुकौती के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता है। ऐसा केवल तब किया जा सकता है, जब ईसीबी पूर्वोक्त ढांचे में परिभाषित किए गए अनुसार विदेशी इक्विटि धारक से ली गयी हो। 3. इसकी समीक्षा करने पर, भारत सरकार के परामर्श से, अब यह निर्णय लिया गया है कि अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत लक्षित कंपनी के रुपया सावधि ऋणों की चुकौती के लिए कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अंतर्गत रिजोल्यूशन आवेदकों के लिए अंतिम –उपयोग संबंधी प्रतिबंधों को शिथिल किया जाए और उन्हें भारतीय बैंकों की शाखाओं/ समुद्रपारीय अनुषंगी कंपनियों को छोड़कर मान्यताप्राप्त उधारदाताओं से ईसीबी जुटाने की अनुमति दी जाए। तदनुसार रिजोल्यूशन आवेदक, जो अन्यथा पात्र उधारकर्ता हैं, ईसीबी जुटाने संबंधी इस प्रकार के प्रस्तावों को अपने एडी बैंकों के माध्यम से रिज़र्व बैंक के विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, मुंबई को प्रेषित कर सकते हैं। 4. बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित अन्य सभी प्रावधान अपरिवर्तित बने रहेंगे। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। संशोधित ईसीबी नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(2) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीय (अजय कुमार मिश्र) |