विशेष आर्थिकक्षेत्र की इकाइयोंद्वारा बाह्यवाणिज्यिक उधार(ईसीबी) - आरबीआई - Reserve Bank of India
विशेष आर्थिकक्षेत्र की इकाइयोंद्वारा बाह्यवाणिज्यिक उधार(ईसीबी)
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.29 18 अक्तूबर 2003 सेवा में महोदय/ महोदया विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा बाह्य प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति और प्रक्रिया (1999-2000) तथा भारत सरकार, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी 15 सितंबर 2002 की प्रेस-विज्ञप्ति एफ-स. 4(2)/2002-ईसीबी की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयों को बाह्य वाणिज्यिक उधार जुटाने की अनुमति प्रदान की गयी है। 2. यह निर्णय लिया गया है कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयां भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा उपर्युक्त प्रेस-विज्ञप्ति का अनुपालन करते हुए निम्नलिखित शर्तों पर बाह्य वाणिज्यिक उधार जुटायेंगी :- (क) विशेष आर्थिक क्षेत्र की इकाइयां अपनी निजी जरूरतों के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार जुटायेंगी;और (ख) यह अपनी सहयोगी संस्था अथवा स्वदेशी टैरिफ एरिया की किसी अन्य इकाई को उधार ली गई निधि अंतरित नहीं करेंगी अथवा उधार नहीं देंगी। यह भारत सरकार की उपर्युक्त प्रेस-विज्ञप्ति के पैरा V(ख) में बाह्य वाणिज्यिक उधार पर उल्लिखित दिशा-निर्देशों के अनुरूप है। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों को अवगत कराएं। 4.इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं। भवदीया (ग्रेस कोशी ) |