बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) - समयपूर्व भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) - समयपूर्व भुगतान
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.82 मार्च 1, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय, बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) - समयपूर्व भुगतान प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान सितंबर 17, 2002 के एपी(डीआईआर सीरीज़) परिपत्र क्रमांक 22 की ओर किया जाता है जिसके अनुसार बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) के समयपूव्र भुगतान के लिए स्वचालित मार्ग को उदार बनाया गया था और यदि पूर्व भुगतान स्थानीय संसाधनों / बाज़ार खरीदों से किया गया था, बिना किसी शर्त के सभी श्रेणी के उधारकर्ताओं को 100 मिलियन अमरीकी डॉलर तक उपलब्ध कराया गया था। परंतु यदि समयपूर्व भुगतान विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाते में से अथ्ंवा नई ईक्विटी द्वारा विदेशी मुद्रा के आगम में से किया गया हो, तो कोई सीमा नहीं थी। 2. अब स्थानीय संसाधनों/ बाज़ार खरीदों में से किए गए समयपूर्व भुगतान के लिए 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा को हटाने का निर्णय किया गया है। अत: प्राधिकृत व्यापारी बकाया बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) के समयपूव्र भूगतान के लिए बिना किसी सीमा के प्रेषणों की अनुमति दे सकते हैं। 3. उपर्युक्त परिपत्र में विहित अन्य सभी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। 4. स्वचालित मार्ग के अंतर्गत बाह्य वाणिजिक उधार (ईसीबी) के समयपूर्व भुगतान के लिए इस परिपत्र में समाहित सुविधा अगली सूचना तक, समीक्षा के अधीन, उपलब्ध रहेगी। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय, (ग्रेस कोशी) |