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बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति -उदारीकरण

आरबीआई/2008-09/190
ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.16 

22 सितंबर,2008

श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदय/महोदय

बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति -उदारीकरण

श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान, बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति से संबंधित 1अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.5, 21 मई 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.60 और 7 अगस्त 2007 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.4 और 29 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.43 की ओर आकर्षित किया जाता है ।    

2 समीक्षा के आधार पर बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के कुछ पहलुओं को निम्नवत् संशोधित करने का निर्णय लिया गया है ।

(क) मौजूदा समय में, संरचनात्मक क्षेत्र के उधारकर्ताओं को अनुमत मार्ग के तहत प्रयोजनमूलक उपयोग के लिए रुपयों में व्यय हेतु प्रति वित्तीय वर्ष 100 मिलियन अमरीकी डालर तक के बाह्य वाणिज्यिक उधार लेने की अनुमति प्रदान की गई है । इस क्षेत्र में निधियों की बढ़ती हुई जरूरतों को ध्यान मे रखते हुए विशेष रूप से , रुपयों में व्यय हेतु , सेवा क्षेत्र के उधारकर्ताओं को अनुमत मार्ग के अंतर्गत मार्ग के तहत मिलियन अमरीकी डालर प्रति वित्तीय वर्ष की सीमा को बढ़ाकर 500 मिलियन अमरीकी डालर कर दी गई है ।100 मिलियन अमरीकी डालर से ऊपर के बाह्य वाणिज्यिक उधारों की परिपक्वता कम से कम 7 वर्ष होनी चाहिये । 

(ख)अंतराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों में ऋण फैलाव को और अधिक विस्तार देने के उद्देश्य से बाह्य वाणिज्यिक उधारों की समग्र-लागत सीमायें निम्नवत् संशोधित कर दी गई हैं।

औसतन परिपक्वता अवधि

6 माह से ऊपर के लिए लंदन-अंतर-बैंक प्रस्तावित दर (लिबोर) *

वर्तमान

पुनरीक्षित

तीन वर्ष और 5 वर्ष तक

200 आधार बिंदु

200 आधार बिंदु

पांच वर्षों से अधिक और 7 वर्षों तक

350 आधार बिंदु

350 आधार बिंदु

7 वर्षों से अधिक

350 आधार बिंदु

450 आधार बिंदु

* उधार अथवा बेंचमार्क की संबंधित करेंसी के लिए

3. बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के दिशा-निर्देशों के संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के अन्य पहलू जैसे कि अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत प्रति कंपनी के लिए प्रति वित्तीय वर्ष की सीमा 500 मिलियन अमरीकी डालर, पात्र उधारकर्ता , मान्यता प्राप्त उधारदाता, पूँजीगत माल तथा विदेशी निवेशों के लिए विदेशी मुद्रा व्यय का प्रयोजनमूलक उपयोग औसतन परिपक्वता अवधि, पूर्व अदायगी ,मौजूदा बाह्य वाणिज्यिक उधार तथा सूचना प्रणाली आदि अपरिवर्तित रहेंगे। अनुमत मार्ग के तहत संरचना क्षेत्र में लगे उधारकर्ताओं के अलावा अन्य के लिए रुपये में व्यय हेतु 50 मिलियन अमरीकी डालर प्रति वित्तीय वर्ष की सीमा भी अपरिवर्तित रहेगी।

4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (उधार लेना अथवा विदेशी मुद्रा में उधार देना) विनियमावली , 3 मई 2000 में किये गये आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं।

5. श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी  श्रेणी-I) बैंक , कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संघटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए ं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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