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अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्तियों और विदेशी नागरिकों के लिए सुविधाएं - उदारीकरण

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई

ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.67

जनवरी 13, 2003

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय,

अनिवासी भारतीयों / भारतीय मूल के व्यक्तियों और
विदेशी नागरिकों के लिए सुविधाएं - उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान निम्नलिखित ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्रों की ओर आकृष्ट किया जाता है :

(i) जुलाई 2, 2000 का ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.1

(ii) सितंबर 12, 2000 का ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्र.19

2. वर्तमान में प्राधिकृत व्यापारियों को एनआरओ खाते में अनिवासी भारतीयों /भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा रखी गई निधियों को निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए प्रत्यावर्तित करने की अनुमति है :

(i) शिक्षा के लिए प्रति शैक्षणिक वर्ष 30 हज़ार अमरीकी डॉलर तक,

(ii) इलाज के लिए 100,000 अमरीकी डॉलर तक,

(iii) 10 साल तक रखी गई अचल संपत्ति की विक्री की आय प्रति कैलेंडर वर्ष 100,000 अमरीकी डालर तक।

. विदेशी नागरिकों द्वारा अभिगृहीत परिसंपत्तियों की आय और अनिवासी भारतीयों /भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा उत्तराधिकार /विरासत से अभिगृहीत परिसंपत्ति की आय का प्रेषण

3. वर्तमान में, प्राधिकृत व्यापारियों को भारत से बाहर रहने वाले, सेवा निवृत्त कर्मचारियों /भारतीय नागरिकों की विधवाओं समेत, विदेशी नागरिकों और भारतीय/भारतीय मूल के व्यक्तियों द्वारा उत्तराधिकार /विरासत में प्राप्त 100,000 अमरीकी डॉलर तक की परिसंपत्ति को प्रेषित करने की अनुमति है।

4. अन्य विभिन्न प्रयोज़नों के लिए विभिन्न राशियों का निर्धारण समाप्त करने और समग्र सीमा को 1 मिलियन अमरीकी डॉलर प्रति कैलेंडर वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय किया गया है। तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारी अब एनआरओ खाते में धारित शेष/परिसंपत्ति की विक्री आय, नवंबर 26, 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.56 साथ पठित सितंबर 28, 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिक्रम क्र.27 में विहित वचन और प्रमाण पत्र, प्रेषित करने वाले व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत करने पर 1 मिलियन अमरीकी डॉलर तक प्रेषण की अनुमति दे सकते है।

5. पाकिस्तान, बांगला देश, श्रीलंका, चीन, अफगार्निस्तान, ईरान, नेपाल और भूटान के नागरिकों द्वारा परिसंपत्ति के प्रत्यावर्तन से संबंधित वर्तमान प्रतिबंध जारी रहेंगे।

6. उक्त छूट, समीक्षा के अधीन, जून 2003 तक की अवधि तक प्रभावी रहेगी।

7. विदेशी मुद्रा प्रबिंध विनियमावली 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।    
          
8. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कर दे ।

9. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय,

(जी पदमनाभन)
प्रभारी महाप्रबंधक

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