आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता - आरबीआई - Reserve Bank of India
आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता
भारिबैं/2020-21/13 16 जुलाई 2020 सभी आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियाँ महोदया/महोदय आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्रचना एवं प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम 2002 की धारा 9 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों को सूचित किया जाता है कि वे ‘उचित व्यवहार संहिता’ अपनाएं ताकि उनके परिचालन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में दिशा-निर्देश अनुलग्नक में संलग्न है। भवदीय, (मनोरंजन मिश्रा) आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों के लिए उचित व्यवहार संहिता सभी हितधारकों के साथ कारोबार करते समय पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्चतम मानक को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आस्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) को सूचित किया जाता है कि वे अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित ‘उचित व्यवहार संहिता’(एफ़पीसी) लागू करें। निम्नलिखित पैराग्राफ में न्यूनतम विनियामक अपेक्षाएं सम्मिलित हैं जबकि एआरसी के बोर्ड इसके क्षेत्र और विस्तार को और व्यापक करने के लिए स्वतंत्र हैं। एफ़पीसी का सही मायनों में अनुपालन होना चाहिए और बोर्ड को इसके विकास और उचित कार्यान्वयन में हमेशा अवश्य शामिल होना चाहिए। सभी हितधारकों की सूचना के लिए एफ़पीसी को पब्लिक डोमेन में रखा जाना चाहिए। 1. आस्तियों के अधिग्रहण में एआरसी पारदर्शी और भेदभाव रहित प्रथाओं का पालन करेगी। इन्हें पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पर्याप्त दूरी बनाए रखना होगा | 2. प्रतिभूतित आस्तियों की बिक्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए, (i) नीलामी में भाग लेने के लिए निमंत्रण सार्वजनिक रूप से मंगाई जाए; प्रक्रिया अधिक से अधिक संभावित खरीदारों की भागीदारी सुनिश्चित करे; (ii) इस प्रकार की बिक्री के लिए नियम व शर्तों के संबंध में निर्णय लेते समय सरफेसी अधिनियम 2002 के अनुसार प्रतिभूति रसीद के निवेशकों के साथ व्यापक परामर्श किया जाना अपेक्षित है; (iii) संभावित खरीदारों के साथ व्यवहार करते समय दिवाला और दिवालियापन संहिता, 2016 की धारा 29A की भावना का पालन किया जाए। 3. एआरसी बकाया राशि के पुनर्भुगतान पर या ऋण की बकाया राशि की प्राप्ति पर सभी प्रतिभूतियां जारी करेगी, बशर्ते कि उधारकर्ता पर किसी अन्य दावे से संबन्धित कोई वैध अधिकार या धारणाधिकार ना हो। यदि इस प्रकार समंजन किया जाता है तो शेष दावों और एआरसी को संबन्धित दावों के निपटान/चुकौती तक प्रतिभूतियों को रखने के लिए पात्र बनाने वाली शर्तों का पूर्ण विवरण सहित नोटिस उधारकर्ता को देना होगा। 4. एआरसी प्रबंधन शुल्क, व्यय और प्रोत्साहन राशि, यदि कोई हो तो, जो उनके प्रबंधन वाले ट्रस्टों से दावा किया जाता है, के संबंध में बोर्ड से अनुमोदित नीति लागू करेगी। बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति पारदर्शी होना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रबंधन शुल्क उचित एवं वित्तीय लेनदेन के अनुपात में है। 5. अपनी किसी भी गतिविधि को आउटसोर्स करने के इच्छुक एआरसी बोर्ड द्वारा अनुमोदित एक व्यापक आउटसोर्सिंग नीति लागू करेंगी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ ऐसी गतिविधियों एवं सेवा प्रदाताओं के चयन संबधि प्रक्रिया के लिए मानदंड, जोखिम और भौतिकता के आधार पर प्राधिकरण का प्रतिनिधिमंडल तथा इन गतिविधियों/सेवाप्रदाताओं के संचालन की निगरानी और समीक्षा शामिल है। एआरसी यह सुनिश्चित करेगी कि आउटसोर्सिंग व्यवस्था के कारण अपने ग्राहकों और रिजर्व बैंक के प्रति उनके दायित्वों को पूरा करने की क्षमता में न कमी आये और न ही रिजर्व बैंक द्वारा प्रभावी पर्यवेक्षण में बाधा उत्पन्न हो। आउटसोर्स एजेंसी का स्वामित्व/नियंत्रण यदि एआरसी के किसी निदेशक के पास है, तो यह सूचना मास्टर परिपत्र में विनिर्दिष्ट प्रकटीकरण अपेक्षाओं में सम्मिलित किया जाए। 6. ऋण वसूली के मामले में, एआरसी देनदारों के उत्पीड़न का सहारा नहीं लेगी। एआरसी यह सुनिश्चित करेगी कि उचित तरीके से ग्राहकों से निपटने के लिए कर्मचारियों को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित किया जाए। (i) एआरसी वसूली एजेंटों के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित एक आचार संहिता लागू करेगी और उस संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए उनसे लिखित वचन लेगी । प्रमुख होने के नाते, अपने वसूली एजेंटों की कार्रवाइयों के लिए एआरसी जिम्मेदार होगी। (ii) यह आवश्यक है कि वसूली एजेंट ग्राहक गोपनीयता का कड़ाई से पालन करें। (iii) एआरसी यह सुनिश्चित करेगी कि वसूली एजेंट अपनी जिम्मेदारियों को सावधानी और संवेदनशीलता के साथ निभाने के लिए, विशेषरूप से फोन करने का समय, ग्राहक की सूचनाओं की गोपनीयता आदि के लिए उचित रूप से प्रशिक्षित हैं। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वसूली एजेंट असभ्य, गैरकानूनी और संदिग्ध व्यवहार अथवा वसूली प्रक्रिया को न अपनाएं। 7. एआरसी को संगठन के भीतर शिकायत निवारण तंत्र का गठन करना चाहिए। एआरसी के नामित शिकायत निवारण अधिकारी के नाम और संपर्क नंबर का उल्लेख उधारकर्ताओं के साथ पत्राचार में किया जाना चाहिए। नामित अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सही शिकायतों का निपटारा तुरंत किया जाए। एआरसी की शिकायत निवारण प्रणाली आउटसोर्स एजेंसी और वसूली एजेंटों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं, यदि कोई हो तो, से संबंधित समस्याओं का भी समाधान करेगी। 8. एआरसी केवल निम्नलिखित परिस्थितियों को छोड़कर, अपने व्यवसाय के दौरान प्राप्त सूचनाओं की गोपनीयता, हमेशा बनाए रखेगी और समूह में अन्य कंपनियों सहित किसी को भी इसका खुलासा नहीं करेगी- (i)विधिक अपेक्षा (ii) सूचना प्रकट करने के लिए जनता के प्रति कर्तव्य या (iii) उधारकर्ता की अनुमति । 9. एफपीसी का अनुपालन बोर्ड द्वारा आवधिक समीक्षा के अधीन होगा। |