विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य शेयर डनिक्षेपागार (डिपोजिटरी) रसीद व्यवस्था के माध्यम से य़ोजना, 1993 में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य शेयर डनिक्षेपागार (डिपोजिटरी) रसीद व्यवस्था के माध्यम से य़ोजना, 1993 में संशोधन
आरबीआइ / 2005-06/156
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11
सितंबर 5, 2005
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया / महोदय
"विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य शेयर डनिक्षेपागार (डिपोजिटरी) रसीद व्यवस्था के माध्यम से य़ोजना, 1993" में संशोधन
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड के निर्गम के संबंध में जारी अगस्त 1, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.5 के पैरा 2 और अमेरिकन निक्षेपागार रसीद (एडीआर)/ वैश्विक निक्षेपागार रसीद (जीडीआर) के निर्गम के लिए समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20 /2000-आरबी के सूची 1 के विनियम 4 और 5 अ की ओर आकर्षित किया जाता है ।
2. अमेरिकन निक्षेपागार रसीद/ वैश्विक निक्षेपागार रसीद के मार्गदर्शी सिद्धांतों और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोड़ द्वारा घरेलू पूंजी निर्गम के संबंध में तैयार किए गए मार्गदर्शी सिद्धांतों को मिलाने के लिए भारत सरकार ने विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड और सामान्य डनिक्षेपागार (डिपोजिटरी) रसीद तंत्र के माध्यम से योजना 1993 में संशोधन करके अमेरिकन निक्षेपागार रसीद / वैश्विक निक्षेपागार रसीद के मार्गदर्शी सिद्धांतों में कतिपय परिवर्तन किए हैं।
3. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा अगस्त 31, 2005 को जारी प्रेस नोट एफ.सं. 15/4/ 2004-एनआरआइ और सरकार की अगस्त 31, 2005 की अधिसूचना की प्रति संलग्न है (क्रमश: संलग्नक 1 और 2)।
4. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) के संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
5. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषय वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।
6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।
भवदीय
(विनय बैजल)
मुख्य महा प्रबंधक