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फेमा 1999 - चालू खाते लेनदेन - परामर्शी सेवाओं के लिए प्रेषण

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई

ए.पी.(डीआइआर.सिरीज) परिपत्र क्र. 20

सितम्बर 12, 2002

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया / महोदय

फेमा 1999 - चालू खाते लेनदेन -
परामर्शी सेवाओं के लिए प्रेषण

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 31 मार्च 2001 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 29 के पैरा 3 (आ)(क) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार एक लाख अमरीकी डॉलर प्रति परियोजना से अधिक की किसी परामर्शी सेवा के लिए जो कि बाहर से ली गई हो उसके लिए प्रेषण से पूर्व रिज़र्व बैंक का पुर्वानुमोदन आवश्यक है चाहे वह प्रेषण विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईफसी) खाते से ही क्यों न किया गया हो ।

2. यह स्पष्ट किया जाता है कि 30 मार्च 2001 के भारत सरकार की अधिसूचना सं.SO.301(E) में समाहित नियम 6 (2) (प्रतिलिपि संलग्न) के अनुसार जहां प्रेषण अर्जक विदेशी मुद्रा खाते (ईईएफसी) में जमा रकम से किया गया है वहां रिज़र्व बैंक का पूर्वानुमोदन आवश्यक नहीं है ।

3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों दे दें ।

4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं ।

भवदीया

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

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