साम्यिक बंधक अभिलेखों को केन्द्रीय रजिस्ट्री के समक्ष फाइल किया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
साम्यिक बंधक अभिलेखों को केन्द्रीय रजिस्ट्री के समक्ष फाइल किया जाना
भारिबैं/2013-14/369 12 नवम्बर 2013 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां महोदय, साम्यिक बंधक अभिलेखों को केन्द्रीय केन्द्र सरकार ने प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम, 2002 (सरफेसी अधिनियम/ SARFAESI Act) की धारा 21 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 31 मार्च 2011 को अधिसूचित अधिसूचना द्वारा नई दिल्ली में केन्द्रीय रजिस्ट्री को स्थापन किया और कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत लाइसेंसशुदा सरकारी कंपनी के परिचालन और प्रशासन का दायित्व यथा भारतीय केन्द्रीय आस्ति प्रतिभूतिकरण पुनर्गठन और प्रतिभूति हित रजिस्ट्री (सीईआरएसएआई/ CERSAI) को दिया गया। 2. यद्यपि, सरफेसी अधिनियम के अधिसूचित संस्थाओं को को सीईआरएसएआई के साथ पंजीकरण अनिवार्य है, स्वामित्व विलेख के जमा द्वारा उनके हित में बनाया गया बंधक का अभिलेख तथा ऐसी संस्थाएं जो सरफेसी के तहत अधिसूचित नहीं है उन्हें अपने अभिलेखों को सीईआरएसएआई में फाइल/दर्ज कर सकती है। गैर सरफेसी अधिसूचित बैंक/वित्तीय संस्था (एनबीएफसी सहित) द्वारा उनके पास रखा गया साम्यिक बंधक के अभिलेख का सीईआरएसएआई फाइल करने के आभाव में, इन बैंकों/वित्तीय संस्थाओं के संबंध में सुरक्षा हित का विवरण नागरिको/अन्य बैंक/वित्तीय संस्थाओं द्वारा सार्वजनिक डोमन के खोज पर उपलब्ध नहीं होता है जिसके परिणाम स्वरूप एक संपत्ति के बदले विधिध ऋण/संभावित धोखाधड़ी को पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता है। 3. सभी एनबीएफसी को सूचित किया जाता है कि 31 मार्च 2011 तथा उसके बाद से अपने हित में बनाये गए सभी साम्यिक बंधक के अभिलेख को केन्द्रीय रजिस्ट्री के समक्ष फाइल और रजिस्टर करे तथा जब कभी उनके हित में साम्यिक बंधक बनताहै तो उसे वे केन्द्रीय रजिस्ट्री के समक्ष रजिस्टर करे। 4. उक्त निदेश भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45ठ में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए बैंक द्वारा जारी किया जा रहा है। भवदीय (एन.एस.विश्वनाथन)प्रधान मुख्य महाप्रबंधक |