आवास परियोजनाओं का वित्तपोषण -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास संपत्ति दृष्टिबंधक रखने संबंधी जानकारी को पेंफ्लेटों/ब्रोशरों/विज्ञापनों में दर्शाने के लिए शर्तो और निबंधनों में शर्त को शामिल करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
आवास परियोजनाओं का वित्तपोषण -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास संपत्ति दृष्टिबंधक रखने संबंधी जानकारी को पेंफ्लेटों/ब्रोशरों/विज्ञापनों में दर्शाने के लिए शर्तो और निबंधनों में शर्त को शामिल करना
आरबीआइ/2009-10/155 14 सितम्बर 2009 अध्यक्ष प्रिय महोदय, आवास परियोजनाओं का वित्तपोषण -क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पास हम सूचित करते हैं कि माननीय मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधिकरण के समक्ष आए एक मामले में माननीय उच्च न्यायालय ने यह पाया कि आवास विकास परियोजनाओं को वित्त प्रदान करने वाले बैंकों को चाहिए कि वे फ्लैट/संपत्ति की खरीद के संबंध में बड़ी संख्या में आम जनों का ध्यान आकर्षित करने के लिए डेवलपर/मालिक द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले ब्रोशरों/ पेंफ्लेटों में प्लॉट पर चार्ज/किसी भी प्रकार की अन्य देयताओं को दर्शाने का आग्रह करें। न्यायालय ने यह भी कहा है कि यह, स्पष्ट रुप से उन शर्तों और निबंधनों का एक भाग होगा जिन पर बैंक द्वारा ऋण मंजूर किया जाता है। 2. उक्त बातों के मद्देनज़र, किसी विशिष्ट आवास/डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को ऋण देते समय क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शर्तों और निबंधनों के एक भाग के रुप में यह निर्धारित करें कि: i) बिल्डर/डेवलपर/कंपनी, पेंफ्लेट/ब्रोशर आदि में उस बैंक का नाम दर्शाएं जिसके पास संपत्ति दृष्टिबंधक रखी गई है। 3. क्षेत्रीय बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे उक्त शर्तों और निबंधनों का पालन करें तथा बिल्डर/डेवलपर/कंपनी जब तक उक्त शर्तों को पूरा नहीं कर देती तब तक उसे निधि न दें। 4. कृपया प्राप्ति सूचना हमारे संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय (सी.के.शाह) |