भारत में विदेशी दूतावासों के राजकीय पारपत्रधारी गैर राजनयिक स्टाफ़ द्वारा विदेशी मुद्रा खाते - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में विदेशी दूतावासों के राजकीय पारपत्रधारी गैर राजनयिक स्टाफ़ द्वारा विदेशी मुद्रा खाते
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 18 सितंबर 20, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, भारत में विदेशी दूतावासों के राजकीय पारपत्रधारी प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी के विनियम सं.4(3) ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में राजनयिक मिशनों ओर राजनयिक कार्मिकें को उसमें विहित शर्तों पर, विदेशी मुद्रा खातों में जमा धारित करने की अनुमति है । 2. रिज़र्व बैंक ने उक्त अधिसूचना के विनियम 4(3) को संशोधित करते हुए नवंबर 27, 2002 की अधिसूचना सं. फेमा 78/2000-आरबी (प्रतिलिपि संलग्न) जारी की है जिसके द्वारा विदेशी उझतवासों के गैर राजनयिक स्टाफ़ को, जो संबंधित देशों के नागरिक हैं और जिनके पास राजकीय पारपत्र हैं, विदेशी मुद्रा जमा खाते रखने की अनुमति दी गई हैं । तद्नुसार, प्राधिकृत व्यापारी विदेशी दूतवासों के राजनयिक मिशनों ओर राजनयिक कार्मिकें और गैर राजनयिक स्टाफ जो संबंधित देशों के नागरिक हैं और उनके पास सरकारी पारपत्र है विदेशी मुद्रा जमा खाते रखने की अनुमति दे सकते हैं । 3. प्राधिकृत व्यापारी उक्त परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दे। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |