भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा - सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें – बैंक क्षेत्र - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा - सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें – बैंक क्षेत्र
भारिबैंक/2014-2015/545 8 अप्रैल 2015 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 के संलग्नक "बी" की ओर आकृष्ट किया जाता है। उक्त अधिसूचना की अनुसूची 1 के अनुसार कतिपय शर्तों के तहत बीमा क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत 26% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है। 2. बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मौजूदा नीति की अब समीक्षा की गई है और उसे उदार बनाया गया है। तदनुसार 2 मार्च 2015 के प्रेस नोट 3 (2015 सीरीज़) में विनिर्दिष्ट संशोधित शर्तों के तहत बीमा क्षेत्र में 49% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने की अनुमति तत्काल प्रभाव से प्रदान की गई है। यह भी कि एक नयी अभिव्यक्ति अर्थात “बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 (1999 का 41) के उपबंधों के अंतर्गत नियुक्त अन्य बीमा मध्यस्थ” को भी ‘बीमा’ की परिभाषा में शामिल किया गया है। 3. इसके अलावा मौजूदा प्रणाली में निम्नलिखित प्रमुख परिवर्तन शामिल किए गए हैं : - (ए) भारतीय बीमा कंपनी में विदेशी निवेश उसकी प्रदत्त इक्विटि पूंजी में 49% तक सीमित होगा; (बी) 26% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश स्वचालित मार्ग के तहत होगा और 26% से अधिक तथा 49% तक सरकारी मार्ग के अंतर्गत होगा; (सी) इस क्षेत्र में विदेशी निवेश बीमा अधिनियम, 1938 के उपबंधों के अनुपालन की शर्तों के तहत होगा तथा शर्त यह भी है कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने वाली कंपनियाँ भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण से बीमा गतिविधियों हेतु आवश्यक लाइसेन्स प्राप्त करें; (डी) भारतीय बीमा कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसका स्वामित्व तथा नियंत्रण निवासी भारतीय संस्थाओं के हाथ में हर समय बना रहे; (ई) भारतीय बीमा कंपनी में विदेशी पोर्टिफोलियो निवेश (FPI) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपाबंधों तथा भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (विदेशी पोर्टफोलियो निवेश विनियमावली) के उपबंधों द्वारा विनियमित होगा; (एफ़) किसी भारतीय बीमा कंपनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों के अनुसार हो सकेगी; (जी) ‘नियंत्रण’, ‘ईक्विटी’ शेयर पूंजी’, ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’, ‘विदेशी निवेशक’, ‘विदेशी पोर्टफोलियो निवेश’, ‘भारतीय बीमा कंपनी’, ‘भारतीय बीमा कंपनी पर भारतीय नियंत्रण’, ‘भारतीय स्वामित्व’, अनुशासी संस्था’, ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्था’, ‘निवासी भारतीय नागरिक’, ‘कुल विदेशी निवेश’ के अर्थ वही हैं जो 19 फरवरी 2015 की अधिसूचना सं. जी.एस.आर. 115 (ई) में दिये गए हैं। 4. इस संबंध में विदेशी निवेश संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 2 मार्च 2015 के प्रेस नोट 3 (2015 सीरीज़) की प्रतिलिपि अनुलग्न है। 5. 12 मार्च 2015 के जीएसआर सं. 183 (ई) के जरिए 3 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. फेमा 340/2015-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2015 के मार्फत अब मूल विनियमावली को रिज़र्व बैंक ने संशोधित कर दिया है। 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं । भवदीय, (बी॰पी॰कानूनगो) |