विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - वस्तु और सेवाओं का निर्यात - अग्रेषणकर्ता कारगो की रसीद - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - वस्तु और सेवाओं का निर्यात - अग्रेषणकर्ता कारगो की रसीद
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 27 मार्च 2, 2001 प्रति प्रिय महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - वस्तु और सेवाओं प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 9 सितंबर 2000 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 12 के साथ संलग्न अनुबंध के पैरा बी 5 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार वे समेकित कारगो एजेन्टों ने जारी की गई आंतरिक हवाई मार्ग बिलों का परक्रामण केवल तब कर सकते हैं जब संबंधित साख पत्र विशेष रुप से आंतरिक हवाई मार्ग बिलों के परक्रामण हेतु एअरलाईन कंपनी ने जारी किये गये हवाई बिलों के बदले में उपलब्ध किया गया हो ।अब यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी केवल साख पत्र से समर्थित निर्यात लेनदेनों के संबंध में नोवहन दस्तावेजों के परक्रामण/वसूली के लिए लदान बिलों के बदले में अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन संघ (आइएटीए) के अनुमोदित एजेंटो द्वारा जारी अग्रेषणकर्ता के कारगो रसीदों (एफसीआर) को भी स्वीकृत करें यदि संबंधित साख पत्र विशेष रुप से इस दस्तावेज के परक्रामण हेतु लदान बिलों के बदले में उपलब्ध किया गया हो । इसके अतिरिक्त विदेशी खरीददार के साथ संबंधित बिक्री संविदा को भी यह मुहैया करना होगा कि अग्रेषणकर्ता का कारगो रसीद (एफसीआर) नौवहन दस्तावेज के रुप में लदान बिल के बदले में स्वीकृत किया जाये । 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये । 4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और इसका किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है । भवदीय, ( पी.के. बिश्वास) |