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असेट प्रकाशक

79028329

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 -विवरणियाँ और विवरण

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 23

दिसंबर 30, 2000

प्रति
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 -विवरणियाँ और विवरण

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 16 मई 2000 के ए डी (एम ए सिरीज) परिपत्र सं. 11 के पैरा 3 की ओर आकृष्ट किया जाता है । जिसके अनुसार उन्हें सूचित किया गया है कि परिपत्र के अनुबंध V में सूचीबद्ध मामलों के संबंधित आगामी अनुदेश प्राप्त होने तक लंबित मामलें विदेश्ां मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल (1993 संस्करण) के उपबंधों द्वारा मार्गदर्शित किया जाये । तदनुसार, विवरणियाँ तथा विवरणों के प्रस्तुतीकरण के संबंध में मैन्युअल के अध्याय 16 में अंतर्विष्ट उपबंधों द्वारा मार्गदर्शन किया गया है ।

2. निर्यातों के अलावा, उद्देश्यों के लिए जिसमें रुपये 1,00,000/- के समकक्ष और उससे अधिक की राशि शामिल है, प्राप्तियों के एक अनुपूरक विवरण "आर विवरणी" के साथ प्रस्तुत किया जाना अपेक्षित है । अब यह निर्णय लिया गया है कि 1,00,000/- रुपयों की निर्दिष्ट सीमा 10,000 अमेरिकी डालर तक बढ़ायी जाये । तदनुसार 15 जनवरी 2001 को समाप्त पाक्षिक के लिए "आर विवरणियों" के साथ संलग्न किये जानेवाले गैर निर्यात प्राप्तियों के अनुपूरक विवरण 10,000 अमेरिकी डालर के समकक्ष और उससे अधिक प्राप्तियों के लिए प्रस्तुत करें ।

3. जहाँ आवक विप्रेषण की राशि 10,000 अमेरिकी डालर से अधिक और उसके समकक्ष है वहाँ विप्रेषण का उद्देश्य अर्थात यह सुनिश्चित करें कि क्या वह पूँजी, बचत, उपहार लाभ, लाभांश आदि के अंतरण का द्योतक है, और उसे अनुपूरक विवरण में रिपोर्ट करें । भुगतान इस जानकारी के अभाव में विलंबित न हो जिसे पृथकरुप से प्राप्त करके बाद में रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत कर सकते हैं ।

4. गैर व्यापार से संबंधित आवक विप्रेषणों को तत्परता से देने के लिए ग्राहकों के खाते में जमा लिख देने के बारे में सुनिश्चित करने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारियों के आंतरिक लेखा परिक्षक/निरीक्षक यह प्रमाणित करें कि भारत के बाहर से व्यक्तिगत विप्रेषणों के मामलें में शाखा द्वारा हिताधिकारियों के खाते में तत्परता से जमा लिख दिया है और यह निर्धारित नियमों और विनियमों के अनुसार है ।

5. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और इसका किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है ।

भवदीया,

( कि.ज. उदेशी )
मुख्य महा प्रबंधक

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