विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - चालू खाता लेनदेन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - चालू खाता लेनदेन
भारतीय रिज़र्व बैंक
ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 39 20 अप्रैल 2002 प्रति विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - चालू खाता लेनदेन प्राधिकृत व्यापारी भारतीय कंपनियों को विदेश में व्यापारी कार्यालय / गैर व्यापारी कार्यालय / शाखा कार्यालय प्रतिनिधिक कार्यालय खोलने के लिए अनुमति देते है और विदेश में ऐसे कार्यालय के भरण-पोषण के लिए प्रांरभिक व्यय और आवर्त व्यय के लिए विप्रेषण करने की अनुमति देते है। प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह आवश्यक है कि वे आवेदकों से फार्म ओपीआर में एक विवरण प्राप्त करें जहाँ विप्रेषण की अनुमति ईईएफसी खाते से दी गई है ओर ऐसे विवरणों की प्रतियाँ रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को उसपर उनके प्रमाणन को जोड़ने के बाद फार्म ओआरए में मासिक विवरण के साथ प्रस्तुत करें। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि रिज़र्व बैंक को फार्म ओपीआर में विवरण को प्रस्तुत करना बंद किया जाये। यह भी निर्णय लिया गया है कि फार्म ओआरए में विवरण प्राधिकृत व्यापारियों द्वारा रिज़र्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय को मासिक आधार के स्थान पर अर्ध वार्षिकी आधार पर प्रस्तुत करें। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 4. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |