विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - ईईएफसी / आरएफसी(डी) खाता - स्पष्टीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - ईईएफसी / आरएफसी(डी) खाता - स्पष्टीकरण
ए.पी(डीआईआर सिरीज़)परिपत्र सं. 21 सितंबर 23, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 3, 2000 की अधिसूचना फेमा 10/2000-आरबी, समय-समय पर यथासंशोधित, के विनियम 4 और 5अ,की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार भारत में निवासी कोई व्यक्ति, उसमें विहित शर्तों पर, क्रमश: विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाता और निवासी विदेशी मुद्रा (धरेलू) डआरएफसी(डी) खाता भारत में प्राधिकृत व्यापारी के पास धारित कर सकता है, खोल सकता है तथा अनुरक्षित कर सकता है । 2. निवासी से अनिवासी के रूप में प्रस्थिति में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप क्या ईईएफसी और आरएफसी(डी) खातों में जमा शेष राशि उनके अनिवासी (बाह्य) रूपये खाते (एनआरई) और / अथवा विदेशी मुद्रा अनिवासी (बैंक ) खाते एफसीएनआर (बी) में जमा की जा सकती है , इसके बारे में रिज़र्व बैंक में स्पष्टीकरण हेतु अनुरोध प्राप्त होते रहे हैं । इस मामले की जांच की गई और यह स्पष्ट किया जाता है कि ईईएफसी और आरएफसी(डी) खाते में जमा राशि खाता धारक की प्रस्थिति में निवासी से अनिवासी में परिवर्तन के फलस्वरूप खाताधारक के विकल्प / अनुरोध पर राशि को जमा किया जा सकता हैं । 3. प्राधिकृत व्यापारी उक्त परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दे। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |