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विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2002

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा.67/2002-आरबी

दिनांक:20 अगस्त ,2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना)
 (संशोधन) विनियमावली, 2002

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उपधारा (3) का खंड (ई) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.पेमा 4/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली,2000, समय समय पर यथासंशोाधित ,विनियम में संशोधन किया है, यथा :-

1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ 

(i) यह विनियमावली, विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2002 कहलायेगी ।

(ii) यह सरकारी गजट में उसके प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे ।

2. विनियमावली का संशोधन

विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपयों में उधार लेना अथवा देना)विनियमावली, 2000 के विनियम (8) के बाद निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाए अर्थात् :,

i) विनियम 5 के उप-विनियम (5) के पश्चात निम्नलिखित उप-विनियम जोड़ा जाए अर्थात् :,

" 8अ भारतीय कंपनी निकाय के अनिवासी भारतीय/भारतीय मूल के निवासी कर्मचारियों को रुपया ऋण

भारत में पंजीकृत अथवा निगमित कंपनी निकाय,अनिवासी भारतीय अथवा भारतीय मूल के अपने कर्मचारियों को निम्नलिखित शर्तों पर रुपया ऋण प्रदान कर सकते हैं अर्थात् :,

(i) ऋण भारत में आवासीय संपत्ति की खरीद समेत निजी प्रयोजनों के लिए प्रदान किया जायेगा।

(ii) ऋणदाता की स्टाफ कल्याण योजना/ स्टाफ ऋण आवासीय योजना और भारत में निवासी स्टाफ को लागू अन्य नियमों तथा शर्तों के अनुसार ऋण प्रदान किया जायेगा।

(iii) ऋणदाता यह सुनिश्चित करेंगे कि ऋण की राशि विनियमावली 6 के खंड (1) के उप-खंड (i) से (iv) तथा ा-खंड (2) में विनिर्दिष्ट प्रयोजनों के लिए उपयोग में नहीं लाया जायेगा।

(iv) ऋणदाता , ऋण की राशि उधारकर्ता के भारत में अनिवासी बाह्य खाता में जमा करेगा अथवा यह सुनिश्चित करेगा कि वह भुगतान लिखत पर विनिर्दिष्ट निदेशक के खाते में जमा किया जायेगा।

(v) इस ऋण करार में यह शर्त रहेगी कि इस शर्त की ऋण की चुकौती भारत के बाहर से प्रेषण द्वारा अथवा उधारकर्ता के एनआरइ /एफसीएनआर खाते से की जायेगी और ऋणदाता किसी भ अन्य स्रोत से की गई चुकौती को स्वीकार नहीं करेगी ।

(कि.ज.उदेशी)
कार्यपालक निदेशक

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