विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना और उधार देना ) (दूसरा संशोधन )विनियमावली,2004 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना और उधार देना ) (दूसरा संशोधन )विनियमावली,2004
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.117/आरबी-2004 दिनांक : 25 मई ,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना और उधार देना ) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड(ङ) और धारा 47 के उप- धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 4/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना और उधार देना) नियमावली, 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात् :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ
2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना और उधार देना)(दूसरा संशोधन)विनियमावली, 2000 के विनिमय 8 के उप-विनिमय (घ)" ऋण का उपयोग " शब्द के बाद निम्नलिखित जोड़ा जायेगा,अर्थात् :- "अथवा उधारकर्ता के भारत में रहने वाले किसी संबंधी द्वारा ऐसे संबंधी के बैंक खाते के माध्यम से उधारकर्ता के ऋण खाते में जमा द्वारा । स्पष्टीकरण: संबंधी शब्द का तात्पर्य कंपनी अधिनियम , 1956 की धारा 6 में यथा परिभाषित संबंधी है । " (श्यामला गोपीनाथ) पाद टिप्पणी : मूल अधिनियम सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया , देखें ध जीएसआर सं. 387 (E) दिनांक 5 मई 2000 में भाग-II , खंड(i) और बाद में जीएसआर सं.90(E) दिनांक 12 फरवरी 2001 तथा जीएसआर सं.754 (E) दिनांक 11 नवंबर 2002 द्वारा संशोधित किया गया। |