भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई-400001 अधिसूचना सं.फेमा 194 /2009-आरबी दिनांक: जून 17, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और उधार देना) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खण्ड (घ) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और उधार देना)विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.3/2004-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (क) ये विनियम (विदेशी मुद्रा प्रबंध में उधार लेना और उधार देना)(दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2009 कहलाएंगे। (ख) वे इन विनियमावली में विनिर्दिष्ट तारीखों से लागू समझे जाएंगे । 2. विनियम में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना और उधार देना) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 3/2000-आरबी) ( अब इसके आगे से ‘मूल विनियमावली ’ के रुप में उल्लिखित) में,- (क) पैरा (1) में सारणी । में (क) उप - पैरा (iv) में
(i) खण्ड कक के लिए, निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे उसे 29 मई 2008 को प्रतिस्थापित किया गया हो, अर्थात्:- ‘‘(कक) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट प्रति वित्तीय वर्ष प्रति उधारकर्ता कंपनी को अधिक से अधिक 500 मिलियन अमरीकी डॉलर अथवा उसके समतुल्य राशि तक इस प्रकार के अंतिम -उपयोगों के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट विदेशी मुद्रा में उधार की अनुमति दी जाएगी ।’’ (ii) खण्ड (क) में, उप-पैरा (क) में, ‘स्पष्टीकरण ’के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे इसे 8 अक्तूबर 2008 से प्रतिस्थापित किया गया हो अर्थात्:-
‘‘स्पष्टीकरण : निम्नलिखित क्षेत्र बुनियादी क्षेत्र माने जाएंगे अर्थात् (i) बिजली , (ii) दूरसंचार, (iii)रेल्वे, (iv) पूलों सहित सडके, (v) बंदरगाह और हवाई अड्डा (vi) औद्यौगिक पार्क (vii) शहरी बुनियादी सुविधाएं (जल आपूर्ति, सैनिटेशन और जल-मल निकासी परियोजनाएं ) और (viii) खनन, शोध और रिफाइनिंग ।’’ (ख) उप पैरा (ix) के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे उसे 22 अक्तूबर 2008 को प्रतिस्थापित किया गया हो, अर्थात्:- ‘‘ ix) ऋण राशि रखना- अनुसूची के तहत विदेशी मुद्रा में ली गयी उधार की राशि अनुमत अंतिम- उपयोगों के लिए प्रयोग करने तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट विदेश अथवा भारत में रखी जाएगी ।’’ ख)पैरा (3) में सारणी ।। में,उप - पैरा (iii) में, (i ) खण्ड (क) में, उप-पैरा (क) में, ‘स्पष्टीकरण ’के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे उसे 8 अक्तूबर 2008 को प्रतिस्थापित किया गया हो, अर्थात्:- ‘‘स्पष्टीकरण : निम्नलिखित क्षेत्र बुनियादी क्षेत्र माने जाएंगे अर्थात् (i) बिजली , (ii) दूरसंचार, (iii)रेल्वे, (iv) पूलों सहित सडके, (v) बंदरगाह और हवाई अड्डा (vi) औद्यौगिक पार्क (vii) शहरी बुनियादी सुविधाएं (जल आपूर्ति,सैनिटेशन और जल-मल परियोजनाएं ) और (viii) खनन, शोध और रिफांइनिंग ।’’ (ii) खण्ड कक प्रतिस्तापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे उसे 29 मई 2008 को प्रतिस्थापित किया गया हो । ‘‘(कक) भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट प्रति वित्तीय वर्ष प्रति उधारकर्ता कंपनी को ऐसी राशियों तक विदेशी मुद्रा में उधार के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट इस प्रकार के अंतिम -उपयोगों के लिए अनुमति दी जाएगी ।’’ (iii) उप पैरा (viii) के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा और यह समझा जाएगा कि जैसे उसे 22 अक्तूबर 2008 को प्रतिस्थापित किया गया हो ,अर्थात्
‘‘ ऋण राशि रखना-
अनुसूची के तहत विदेशी मुद्रा में ली गयी उधार की राशि अनुमत अंतिम- उपयोगों के लिए प्रयोग करने तक भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर यथा निर्दिष्ट विदेश अथवा भारत में रखी जाएगी ।’’ (सलीम गंगाधरन) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
पाद टिप्पणी : i) यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी व्यक्ति पर इन विमियमों के पूर्वव्यापी प्रभाव से कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा । ii) मूल विनियमावली 5 मई 2000 को जीएस.आर.सं. 386(अ) के जरिये सरकारी राजपत्र में भाग ।।, धारा 3, उप-धारा (i)में प्रकाशित की गयी और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी : (क) 25 अगस्त 2000 के जी.एस.आर.सं.674(अ) (ख) 8 जुलाई.2002 के जी.एस.आर.सं.476(अ) (ग) 31 दिसंबर.2002 के जी.एस.आर.सं.854(अ) (घ) 9 जुलाई 2003 के जी.एस.आर.सं.531 (अ) (ङ) 9 जुलाई 2003 के जी.एस.आर.सं.533 (अ) (च) 23 मार्च 2004के जी.एस.आर.सं.208 (अ) (छ) 22 दिसंबर 2004के जी.एस.आर.सं.825 (अ) (ज) 9 फरवरी 2005 के जी.एस.आर.सं.60 (अ) (झ) 22 दिसंबर 2005 के जी.एस.आर.सं.739 (अ) (ञ) 16 अक्तूबर 2007 के जी.एस.आर.सं.663 (अ) (त) 30 जनवरी 2009 के जी.एस.आर.सं. 61 (अ)
जी. एस. आर. सं. 547(अ)/ जुलाई 24,2009 |
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