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विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई - 400 001

अधिसूचना सं. फेमा 133/2005-आरबी  

01 अप्रैल, 2005

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली,2005

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (च), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा समय- समय पर यथा संशोधित 3 मई ,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्वारा , विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 में संशोधन के लिए निम्नलिखित विनियम बनाता है, अर्थात् :-

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (संशोधन) विनियमावली, 2005 कहलाएंगे।

(ii) ये 26 जुलाई 2005 से लागू होंगे।@

2. विनियमावली में संशोधन :-

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 के खंड 9 के उप-खंड (ग) को निम्नवत् प्रतिस्थापित किया जाएगा :-

" पावर ऑफ एटार्नी का परिचालन : अनिवासी खाता ध्राक द्वारा निवासी के पक्ष में दिये गये पावर ऑफ एटार्नी अथवा अन्य किसी प्राधिकार के अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों/ प्राधिकृत बैंकों को अनिवासी बाह्य खाते परिचालित करने की अनुमति दी जाए, बशर्ते कि इस प्रकार के परिचालन , सामान्य बैंकिंग के माध्यम से स्थानीय भुगतानों के लिए आहरण अथवा स्वयं खाता धारक के प्रेषण तक प्रतिबंधित किये जाते हैं ।ऐसे मामलों में जहां खाता धारक अथवा उसके द्वारा नामित बैंक भारत में निवेश करने के लिए पात्र है, ऐसे निवेश को सरल बनाने के लिए प्राधिकृत व्यापारी / प्राधिकृत बैंक,पावर ऑफ एटार्नी धारक को खाता परिचालित करने की अनुमति दें। तथापि, निवासी पावर ऑफ एटार्नी धारक,को खाते में दारित निधियों को स्वयं खाता धारकको छोड़कर,किसी भी स्थिति में,भारत के बाहर प्रत्यावर्तित करने अथवा खाता धारक की ओर से किसी निवासी को उपहार द्वारा भुगतान करने अथवा खाते से अन्य किसी अनिवासी बाह्य खाते में निधियों के अंतरण की अनुमति नहीं दी जायेगी ।


(एफ.आर.जोजेफ)

मुख्य महाप्रबंधक


पाद टिप्पणी :@कमेटी ऑन प्रोसीजर एंड परफॉर्मेंस ऑडिट ऑन पब्लिक सर्विसेज (सीपीपीएपीएस) की सिफारिशों के तुरंत अनुपालन हेतु प्रभावी तिथी 15 मार्च 2005 दर्शायी गयी है ।

2.मूल विनियमावली राजकीय राजपत्र में दिनांक 5 मई, 2000 के जी.एस.आर. सं.388(E) में भाग II, धारा 3, उप-धारा (1) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नलिखित संशोधन किए गए;

दिनांक अप्रैल 9, 2002 के जीएसआर सं.262(E)
दिनांक अगस्त 19, 2002 के जीएसआर सं.577(E)
दिनांक दिसंबर 31, 2002 के जीएसआर 855(E)
दिनांक अगस्त 4, 2004 के जीएसआर सं.494(E)

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