विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2025 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 5 (आर)(5)/2025-आरबी 14 जनवरी 2025 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2025 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (2) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 (01 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं.फेमा. 5 (आर)/2016-आरबी) (जिसे इसके बाद ‘मूल विनियमावली) कहा जाएगा) में निम्नलिखित संशोधन करता है, यथा: - 1. संक्षिप्त नाम एवं प्रारंभ: - i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2025 कहलाएगी। ii) यह सरकारी राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी। 2. मूल विनियमावली में, विनियम 5 के उप विनियम (4) के भीतर, “भारत में प्राधिकृत व्यापारी” शब्द के बाद “अथवा भारत के बाहर इसकी शाखा” अंतर्विष्ट किया जाएगा। 3. मूल विनियमावली में, विनियम 8 के बाद, निम्नलिखित को अंतर्विष्ट किया जाएगा, यथा: - “9. प्रत्यावर्तनीय रुपया खातों के बीच निधियों का अंतरण: - इस विनियमावली में किसी बात के होते हुए भी, इन विनियमों के अनुसरण में रखे गए प्रत्यावर्तनीय रुपया खातों के बीच सभी सदाशयी लेन-देनों के लिए निधियों के अंतरण की अनुमति है।” 4. मूल विनियमावली में, अनुसूची 4 में, मौजूदा पैराग्राफ 1 को निम्नलिखित के द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, यथा: - "भारत के बाहर निवासी व्यक्ति, जिसका भारत में व्यावसायिक हित है, वह इस अधिनियम के तहत बनाए गए नियमों और विनियमों के अनुसरण में, भारत में निवासी व्यक्ति के साथ अनुमत चालू और पूंजी खाता लेनदेन करने और भारत के बाहर निवासी व्यक्ति के साथ कोई लेनदेन करने के उद्देश्य से भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी या भारत के बाहर उसकी शाखा में विशेष अनिवासी रुपया खाता (एसएनआरआर खाता) खोल सकता है। स्पष्टीकरण: विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम, 2005 की धारा 18 के तहत, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC) में स्थित इकाई IFSC के बाहर अपने व्यापारिक लेनदेन के उद्देश्य से भारत में (IFSC के बाहर) स्थित किसी प्राधिकृत व्यापारी के साथ SNRR खाता खोल सकती है।” 5. मूल विनियमावली में, अनुसूची 4 के पैराग्राफ 2 में "भारतीय बैंक" शब्द को "बैंक" द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। 6. मूल विनियमावली में, अनुसूची 4 के वर्तमान पैराग्राफ 8 को निम्नलिखित द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा, यथा:- "एसएनआरआर खाते की अवधि अनुबंध की अवधि/ परिचालन की अवधि/ खाताधारक के व्यवसाय की अवधि की समवर्ती होगी। 7. मूल विनियमावली में, अनुसूची 4 के पैराग्राफ 9, 11 और 12 के भीतर, "एसएनआरआर खाते" शब्दों के पहले "भारत में" शब्द अंतर्विष्ट किए जाएंगे। 8. मूल विनियमावली में, अनुसूची 4 के पैरा 13 के भीतर, "खाता धारक" शब्दों के बाद", जिसका भारत में एसएनआरआर खाता हो," शब्द अंतर्विष्ट किए जाएंगे। (डॉ. आदित्य गेहा) मूल विनियमावली भारत सरकार के सरकारी राजपत्र- असाधारण – भाग-II, खण्ड 3, उप-खण्ड (i) जीएसआर संख्या 389 (ई), दिनांक 1 अप्रैल 2016 में प्रकाशित की गयी थी और इसे बाद में निम्नलिखित द्वारा संशोधित किया गया, यथा: - जीएसआर संख्या 1093 (ई) दिनांक 09.11.2018 |