विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा ) विनियमावली 2000 - अनिवासी (बाह्य) रुपया खातों में जमा - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा ) विनियमावली 2000 - अनिवासी (बाह्य) रुपया खातों में जमा
आरबीआइ /2007-08/343 30 मई 2008 श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा ) विनियमावली 2000 - अनिवासी (बाह्य) रुपया खातों में जमा श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान , समय समय पर यथा संशोधित, विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा ) विनियमावली 2000 ड 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.5/2000-आरबी क़ी अनुसूची 1 के पैराग्राफ 3, की ओर आकर्षित किया जाता है ,जिसमें अनिवासी (बाह्य) रुपया ( एनआरई) खातों को स्वीकार्य क्रेडिट दिये गये हैं ,। इसके अतिरिक्त , ऐंटी मनीलॉँडरिडग दिशा-निर्देशों ड 17 अक्तूबर 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज)परिपत्र सं.14 के अनुसार एफएफएमसीज को अनुमति दी गयी है कि वे विदेशी मुद्रा का नकदीकरण कर लें और केवल 3000मिलियन अमरीकी डॉलर या इसके सममूल्य तक नकद भुकतान करें । 3000मिलियन अमरीकी डॉलर या इसके सममूल्य से अधिक होने पर उसका भुगतान डिमांड ड्राफ्ट अथवा बैंकर्स चेक द्वारा किया जाना अपेक्षित है । 2 उदारीकरण के एक उपाय के रूप में तथा अनिवासी विदेशी (एनआरई )खाताधारकों की वास्तविक जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है कि श्रेणी-I के प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक तथा प्राधिकृत बैंक विदेशी मुद्रा के नकदीकरण पर ,जहाँ अनिवासी विदेशी (एनआरई )खाताधारकों को जारी लिखत के साथ श्रेणी-I/ II प्राधिकृत व्यापारी द्वारा जारी नकदीकरण प्रमाणपत्र सलग्न किया गया हो, जारी डिमांड ड्राफ्ट/ बैंकर्स चेक की आगत राशि को अनिवासी भारतीय के अनिवासी विदेशी खाते में जमा कर सकते हैं । 3. श्रेणी-I के सभी प्राधिकृत व्यापारी (एडी श्रेणी-I) बैंक , कृपया इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने सभी संघटकों तथा ग्राहकों को अवगत करा दें। 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए ं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है। भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |