विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (तीसरा संशोधन), विनियमावली, 2019 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (तीसरा संशोधन), विनियमावली, 2019
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/(3)/2019-आरबी 13 नवम्बर 2019 विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (तीसरा संशोधन), विनियमावली, 2019 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (एफ़), धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद्द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 (दिनांक 01 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं.फेमा.5(आर)/2016-आरबी) (जिसे इसके पश्चात “मूल विनियमावली” कहा गया है) में निम्नानुसार संशोधन करता है, अर्थात:- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2019 कहलाएगी। (ii) यह विनियमावली सरकारी राजपत्र में उसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी । 2. मूल विनियमावली में अनुसूची 4 में: (ए) पैराग्राफ 1 के लिए निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात: 1. “भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति, जिसका भारत में कारोबारी हित निहित है, वह रुपये में सदाशयी लेनदेन के उद्देश्य से भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास अधिनियम, उसके अंतर्गत निर्मित नियमों और विनियमों के उपबंधों का उल्लंघन न करते हुए विशेष अनिवासी रुपया खाता (SNRR Account) खोल सकता है। कारोबारी हित में जेनेरिक कारोबारी हित के अलावा भारतीय रुपये के निम्नलिखित लेनदेन शामिल होंगे अर्थात: (i) समय-समय पर यथासंशोधित दिनांक 17 अक्तूबर 2019 को जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (गैर कर्ज़ लिखत) नियमावली, 2019 तथा दिनांक 17 अक्तूबर 2019 को अधिसूचना संख्या फेमा.396/2019-आरबी के मार्फत जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (कर्ज़ लिखत) विनियमावली, 2019, इनमें से जो भी लागू हो, के अनुसरण में भारत में किए गए निवेश; (ii) दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) यथा समय-समय पर यथा-संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन), नियमावली, 2000 के साथ पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा-5 के अनुसरण में माल तथा सेवाओं का आयात करना; (iii) दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.जीएसआर 381(ई) यथा समय-समय पर यथा-संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन), नियमावली, 2000 के साथ पठित तथा समय–समय पर यथा-संशोधित 12 जनवरी 2016 की अधिसूचना सं.23(आर)/2015-आरबी के साथ भी पठित विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 7 के अनुसार माल तथा सेवाओं का निर्यात; (iv) समय-समय पर यथा-संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (उधार लेना तथा उधार देना) विनियमावली, 2018 के अनुसार बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) ढांचे के अंतर्गत व्यापार ऋण के लेनदेन करना तथा उधार देना; (v) गिफ्ट सिटि में आईएफ़एससी इकाइयों द्वारा अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफ़एससी) के बाहर कारोबार संबंधी लेनदेन, जैसे: आईएफ़एससी के बाहर भारतीय रुपये में प्रशासनिक व्यय, स्क्रैप की बिक्री से प्राप्त भारतीय रुपये में राशि; भारतीय रुपये में सरकारी प्रोत्साहन राशि, आदि। यह खाता भारत में (आईएफ़एससी से बाहर) किसी बैंक में रखा जाएगा।” (बी) पैराग्राफ 2 के संबंध में, निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात : “2. विशेष अनिवासी रुपया (SNRR Account) खाता जिस विशिष्ट कारोबार के लिए परिचालन में रखा जाना हो, उसकी नामावली उसके नाम में शामिल होनी चाहिए। भारतीय बैंक अपने विवेकानुसार लेनदेन की प्रत्येक श्रेणी के लिए अलग-अलग एसएनआरआर खाते अथवा लेनदेन की एक से अधिक श्रेणियों में शामिल भारत के बाहर के निवासी किसी व्यक्ति के लिए एक ही एकल एसएनआरआर खाता बनाए रख सकता है, बशर्ते की उक्त बैंक उनकी पहचान कर पाए/ उन्हें अलग कर पाए तथा श्रेणी-वार उसका लेखा रख पाए।” (सी) पैराग्राफ 3, 5, और 6 में “करना चाहिए”(should) इस शब्द को “करेगा” (shall) शब्द से प्रतिस्थापित किया जाएगा। (डी) पैराग्राफ 8 के लिए, निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात: “8. एसएनआरआर खाते की अवधि संविदा की अवधि/ परिचालन की अवधि/ खाताधारक के कारोबार के समवर्ती होगी और किसी भी मामले में वह सात वर्ष से अधिक नहीं होगी। जिन मामलों में नवीकरण आवश्यक हैं, उनमें रिज़र्व बैंक का अनुमोदन प्राप्त किया जाए : बशर्ते इस अनुसूची के पैराग्राफ-1 के उप पैराग्राफ (i) से (v) पर दिए गए प्रयोजनों के लिए खोले गए एसएनआरआर खातों पर सात वर्ष का प्रतिबंध लागू नहीं होगा।।” (ई) पैराग्राफ 13 हेतु, निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात: “13. मृत खाताधारक के खाते से किसी अनिवासी नामिती को देय/ भुगतान हेतु देय राशि को भारत में किसी प्राधिकृत व्यापारी/ प्राधिकृत बैंक में नामिती के एनआरओ/ एनआरई खाते में जमा किया जाएगा अथवा सामान्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से विप्रेषण के द्वारा भेजा जाएगा।” (अजय कुमार मिश्र) फुट नोट: प्रिंसिपल रेगुलेशन को दिनांक 1 अप्रैल 2016 के जीएसआर सं.389(ई) के माध्यम से सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया तथा तद्पश्चात निम्नलिखित के माध्यम से संशोधित किया गया: 09.11.2018 के जीएसआर सं.1093 (ई) |