विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा 114/2004-आरबी दिनांक :13 मार्च,2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 7 की उप-धारा (1) के खंड(क) और उप-धारा (3) , धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 23/2000) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 को संशोधित करने के लिए निम्नलिखित विनियमावली बनाता है , अर्थात् :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ यह विनियमावली, विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) (संशोधन) विनियमावली, 2004 कहलायेगी । (क) यह सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी । 2. विनियमों में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2000 में विनियम 17 में निम्नलिखित संशोधन किये जायेंगे , अर्थात् :- (i) विनियम (1) के खंड (ख) के लिए निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् "ख)" कि विनिर्दिष्ट प्राधिकारी को प्रस्तुत किये जाने वाले किसी घोषणा को इसके पूर्वानुमोदन के लिए प्राधिकृत व्यापारी को प्रस्तुत किया जाएगा जो परिस्थितियों के अनुसार दी जा सकती है अथवा रोक दी जा सकती है अथवा समय समय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी निदेशों द्वारा विनिर्दिष्ट परिस्थतियों के अधीन दी जा सकती है "। (ii) उप -विनियम (2) के लिए निम्नलिखित को प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् "(2) ध भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा उप -विनियम (1) के अधीन कोई निदेश नहीं दिया जायेगा तथा जब तक निर्याक को इस संबंध में अभ्यावेदन देने के लिए पर्याप्त अवसर नहीं दिया जाता है , इस उप -विनियम के खंड (ख) के अधीन प्राधिकृत व्यापारी द्वारा कोई अनुमोदन रोका नहीं जाएगा।" (श्यामला गोपीनाथ) पाद टिप्पणी : प्रधान विनियमावली 3 मई ,2000 के जीएसआर. सं.409 (E) के अनुसार राजकीय राजपत्र में भाग (II), धारा 3, उप-धारा (i) में प्रकाशित की गई थी और तत्पश्चात् संशोधित किए गए देखें :-
|