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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2004

आरबीआई/2004-05/59
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़ ) परिपत्र सं.6

20,जुलाई 2004

सेवा में
विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया / महोदय

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी
मुद्रा खाता) (पहला संशोधन) विनियमावली, 2004

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 10/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता ) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है । वही अधिसूचना के विनियम 5 तथा 5अ के अनुसार भारत में पात्र कंपनियों किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास उसमें विनिर्दिष्ट लेनदेनों के संबंध में उनके द्वारा प्राप्त विदेशी मुद्रा में से निवासी विदेशी मुद्रा (आरएफसी) खाता तथा निवासी विदेशी मुद्रा (घरेलू) (आरएफसी (डी) खाता खोल, धारित और रख सकते हैं ।

2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि जीवन बीमा कारोबार चलाने के लिए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमत भारत स्थित बीमा कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा में लिपटाए गए बीमा पॉलिसी दावे / परिपक्वता / अभ्यर्पण मूल्य के प्राप्यों के रुप में निवासी व्यक्ति द्वारा प्राप्त विदेशी मुद्रा को हिताधिकारी के आरएफसी खाता या आरएफसी (घरेलू) खाते में, जैसा भी मामला हो, जमा किया जाए ।

3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन जनवरी 1, 2004 की अधिसूचना सं.फेमा.109/2झ004-आरबी में रिज़र्व बैंक जारी किए गए है जिसकी प्रति संलग्न है ।

4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दे ।

5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है ।

 भवदीय

एफ.आर. जोसेप
मुख्य महा प्रबंधक


भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा.109/2003-आरबी

दिनांक दिसंबर 22, 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध - भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा
विदेशी करेंसी खाता (पाँचवा संशोधन) विनियमावली, 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 9 के खण्ड (ख) और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 10/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध ( भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता ) विनियमावली, 2000 में संशोधन करता है, नामत: -

1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

क) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में किसी निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता ) (पाँचवाँ संशोधन) विनियमावली, 2003 कराएगी ।

       ख) यह राजकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होगी ।

2. विनियमावली में संशोधन

क) विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता ) विनियमावली 2000, में विनियम 5, के उप विनियम (1) में उप खंड (घ) के बाद निम्नलिखित जोड़ा जाएगा; नामत:

क) "(ङ) बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा भारत में बीमा व्यवसाय करने के लिए अनुमत किसी जीवन बीमा कंपनी से जीवन बीमा पॉलिसी की विदेशी मुद्रा में भुगतान की गई दावा/परिपक्वता/अभ्यर्पण के रुप में प्राप्त आय ।"

ख) (i) विनियम 5अ के उप विनियम (1) में उप खंड (1) "भारत में निवासी व्यक्ति" शब्दों के बाद "निवासी व्यक्ति" शब्द प्रतिस्थापित किए जाएं

(ii) विनियम 5अ के उप विनियम (1) में उप खंड (छ) के बाद निम्नलिखित जोड़ा जाएगा;

"(ज) बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा भरत में बीमा व्यवसाय करने के लिए अनुमत किसी जीवन बीमा कंपनी से जीवन बीमा पॉलिसी की विदेशी मुद्रा में भुगतान की गई दावा/परिपक्वता /अभ्यर्पण के रुप में अर्जन द्वारा प्राप्त आय ।"

( उषा थोरात )
कार्यपालक निदेशक.

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