विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2009 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2009
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा 199/2009-आरबी दिनांक: सितंबर 30, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 9 के खण्ड (ख) और 47 की उप-धारा (2) के खण्ड (ङ) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 10/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 2. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (क) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2009 कहलाएंगे । 3. विनियमों में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 10/2000-आरबी) में, विनियम 7 में, उप-विनियम (8) के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् : ‘‘(8)(i) किसी विदेशी कंपनी का कर्मचारी होने के कारण , किसी विदेशी राज्य का भारत में निवासी कोई नागरिक अथवा किसी विदेशी कंपनी द्वारा भारत से बाहर नियुक्त भारत का कोई नागरिक और दोनों ही मामलों में इस प्रकार की विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक संस्था/संयुक्त उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर कोई व्यक्ति भारत से बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है, धारित कर सकता है और खाते का रखरखाव कर सकता है और इस प्रकार की विदेशी कंपनी के भारत में कार्यालय/शाखा/सहायक संस्था/संयुक्त उद्यम में की गयी सेवाओं के लिए उसे देय समग्र वेतन ऐसे खाते में जमा करते हुए प्राप्त कर सकता है , बशर्ते भारत में अर्जित किये गये अनुसार समग्र वेतन पर आय कर अधिनियम,1961 के तहत प्रभार्य आय कर अदा किया जाता है । (ii) भारत में निगमित किसी कंपनी में नियुक्त होने के कारण भारत में निवासी विदेशी राज्य का कोई नागरिक भारत से बाहर किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है, धारित कर सकता है और खाते का रखरखाव कर सकता है और इस प्रकार की किसी भारतीय कंपनी में की गयी सेवाओं के लिए भारत में भारतीय रुपयों में प्राप्त समग्र वेतन इस खाते में प्रेषित कर सकता है, बशर्ते भारत में अर्जित किये गये अनुसार समग्र वेतन पर आय कर अधिनियम,1961 के तहत प्रभार्य आय कर अदा किया जाता है । ’’ (सलीम गंगाधरन) पाद टिप्पणी मूल विनियमावली 5 मई 2000 को जीएस.आर.सं. 393 (ई) के जरिये सरकारी राजपत्र में भाग ।।, खण्ड 3, उप-खण्ड (i)में प्रकाशित की गयी और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी : (क) 25 अगस्त 2000के जी.एस.आर.सं.675(ई)
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