विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा. 210/आरबी-2010 दिनांक : 19 जुलाई 2010 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उप-धारा (2) के खंड (ज) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 (दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 25/ आरबी-2000) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात् :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) (संशोधन) विनियमावली, 2010 कहलाएंगे। (ii) ये विनियम, सरकारी राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक से लागू होंगे। 2.विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न संविदा) विनियमावली, 2000 ( दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 25/आरबी-2000 ) में विनियम 5 अ के लिए निम्नलिखित प्रतिस्थापित होगा, अर्थात् "5 अ. भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को मुद्रा वायदे (करेंसी फ्यूचर) अथवा मुद्रा ऑप्शन्स करने के लिए अनुमति भारत में रहने वाला कोई व्यक्ति प्रतिभूति संविदा (विनियम) अधिनियम, 1956 की धारा 4 के अधीन मान्यताप्राप्त शेयर बाजार में समय-समय पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किये गये निदेशों में यथा घोषित शर्तों के अधीन ऋण जोखिम अथवा अन्यथा से बचाव (हेज़) के लिए मुद्रा वायदे (करेंसी फ्यूचर) अथवा मुद्रा ऑप्शन्स में लेन-देनकरसकताहै।" (सलीम गंगाधरन) पाद टिप्पणी : 1. मूल विनियमावली 08 मई, 2000 के जीएसआर सं. 411(E) में भाग II, खंड 3, उप-खंड (i) के जरिए सरकारी राजपत्र में प्रकाशित की गई और तत्पश्चात् उसे निम्नानुसार संशोधित किया गया – जीएसआर सं. 756(E) दिनांक 28.9.2000,
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