विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न/डेरिवेटिव संविदा) (संशोधन) विनियम, 2014 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न/डेरिवेटिव संविदा) (संशोधन) विनियम, 2014
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना संख्या फेमा.303/आरबी-2014-आरबी 21 मई, 2014 विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न/डेरिवेटिव संविदा) (संशोधन) विनियम, 2014 विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 के 42) के खंड 47 के उप-खंड (2) की शर्त (एच) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए, रिज़र्व बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न/डेरिवेटिव संविदा) विनियम, 2000 (अधिसूचना संख्या फेमा 25/2000-आरबी दिनांकित 3 मई 2000) में निम्नलिखित संशोधन किये जा रहे हैं:- 1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ (i) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन (विदेशी मुद्रा व्युत्पन्न/डेरिवेटिव संविदा) (संशोधन) विनियम, 2014 के नाम से जाना जाएगा। (ii) इन्हें सरकारी राजपत्र में इनके प्रकाशन की दिनांक से प्रभावी माना जाएगा। 2. विनियमों का संशोधन विनियम 5 ए के बाद विनियम 5 बी निम्न रूप से इसमें जोड़ा जाएगा: “भारत से बाहर एक निवासी व्यक्ति को मुद्रा फ्यूचर्स या एक्सचेंज ट्रेडेड करेंसी ऑप्शंस करार करने की अनुमति भारत से बाहर एक निवासी व्यक्ति जो समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति के अंतरण या जारी करने संबंधी) विनियम, 2000 (फेमा 20/2000-आरबी दिनांक 03 मई 2000) (जीएसआर 406 (ई) दिनांकित 03 मई 2000) की अनुसूचियों 2,5, 7 तथा 8 में यथानिर्धारित प्रतिभूतियों में निवेश करने योग्य है, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी किए निर्देशों के अनुसार ऐसी निबंधनों व शर्तों के अधीन जोखिम के एक्सपोज़र से बचाव करने हेतु प्रतिभूति संविदा (विनियम) अधिनियम, 1956 के खंड 4 के अंतर्गत मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज पर मुद्रा फ्यूचर्स या एक्सचेंज ट्रेडेड मुद्रा ऑप्शंस संविदाएँ निष्पादित कर सकता है।“ (एस एम पिल्लई) फुटनोट:- 1. प्रमुख विनियमों को जी.एस.आर संख्या 411 (ई) दिनांकित 08 मई 2000 के माध्यम से भाग ॥ खंड 3, उपखंड (i) में सरकारी राजपत्र में प्रकाशित किया गया था तथा बाद में निम्न के माध्यम से संशोधित किया गया था – जी.एस.आर. संख्या 756 (ई) दिनांकित 28.09.2000
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